नयी दिल्ली : दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने देश में बढ़ रहे म्यूकर माइकोसिस को लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अस्पतालों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सेकेंडरी इन्फेक्शन अधिक मृत्यु का कारण बन रहे हैं. साथ ही कहा कि स्टेरॉयड लेनेवाले मरीजों में फंगल की संभावना बढ़ जाती है. इसके दुरुपयोग को रोकना चाहिए.
दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसे-जैसे कोविड-19 मामले बढ़ रहे हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण के प्रोटोकॉल का पालन करें. यह देखा गया है कि सेकेंडरी इन्फेक्शन (कवक और जीवाणु) अधिक मृत्यु का कारण बन रहे हैं.
This disease (Mucormycosis) can affect the face, infecting nose, orbit of eye, or brain, which can cause even vision loss. It can also spread to the lung: AIIMS Director Randeep Guleria pic.twitter.com/ErNaKrmnrH
— ANI (@ANI) May 15, 2021
उन्होंने कहा कि म्यूकर माइकोसिस बीजाणु मिट्टी, हवा और भाजन में भी पाये जाते हैं. लेकिन, वे कम विषाणु वाले होते हैं और आमतौपर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं. कोविड से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे. अब कोविड के कारण बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं.
गुलेरिया ने बताया कि एम्स में इस फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 20 अब भी कोविड-19 पॉजिटिव हैं. शेष अन्य कोविड नेगेटिव हो चुके हैं. कई राज्यों में म्यूकर माइकोसिस के 500 से अधिक मामले सामने आये हैं.
सामान्य तौर पर म्यूकर माइकोसिस चेहरे, संक्रमित नाक, आंख की कक्षा या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है. इससे दृष्टि हानि भी हो सकती है. यह फेफड़ों में भी फैल सकता है. म्यूकर माइकोसिस संक्रमण के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक प्रमुख कारण है.
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मधुमेह, कोविड पॉजिटिव और स्टेरॉयड लेनेवाले मरीजों में फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड का दुरुपयोग रोकना चाहिए. हम रोकथाम के प्रयास का काम कर रहे हैं.
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में समग्र सकारात्मकता दर, जो पिछले सप्ताह 21.9 फीसदी थी, अब गिर कर 19.8 फीसदी हो गयी है. दिल्ली, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने सकारात्मकता के मामले में बड़ी गिरावट दर्ज की है.
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