MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी को जोरदार झटका कांग्रेस ने दिया है. दरअसल, नर्मदापुरम जिले से दो बार बीजेपी के विधायक रह चुके गिरिजा शंकर शर्मा कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. 73 वर्ष के शर्मा ने रविवार को बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ राजधानी भोपाल के प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व से प्रभावित होकर बीजेपी के पूर्व विधायक गिरजा शंकर शर्मा जी एवं टीकमगढ़ जिले के भक्ति तिवारी जी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
"जन-जन के नेता कमलनाथ" pic.twitter.com/7TfTD5NgdQ
— MP Congress (@INCMP) September 10, 2023
गिरिजा शंकर शर्मा की बात करें तो उनके छोटे भाई सीताशरन शर्मा मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और वह होशंगाबाद (पूर्व में इटारसी विधानसभा सीट) से वर्ष 2018 में पांचवीं बार भाजपा के विधायक बने हैं. आपको बता दें कि आठ दिन पहले भी एक विधायक और एक पूर्व विधायक सहित 10 बीजेपी नेता राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस में शामिल हुए थे. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं, इससे पहले कांग्रेस का कुनबा बढ़ता जा रहा है जिससे बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है.
गिरिजा शंकर शर्मा ने नौ दिन पहले बीजेपी से दिया था इस्तीफा
पूर्व में होशंगाबाद का प्रतिनिधित्व कर चुके गिरिजा शंकर शर्मा ने नौ दिन पहले बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था, जिससे उनके कांग्रेस खेमे में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं. गिरिजाशंकर शर्मा के अलावा, टीकमगढ़ के भक्ति तिवारी ने भी बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. इन्हें जब कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जा रही थी तो इस अवसर पर कमलनाथ मौजूद थे. प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि दोनों नेता बीजेपी की जनविरोधी नीतियों, बीजेपी राज में प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और हर वर्ग पर हो रहे अत्याचारों से त्रस्त होकर जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
बीजेपी में दरी बिछाने वाले नहीं होते थे, तब से…
वहीं गिरिजा शंकर शर्मा ने कांग्रेस का दामन थामते हुए कहा कि बीजेपी में दरी बिछाने वाले नहीं होते थे, तब से आज तक वर्षों बीजेपी का काम किया, लेकिन आज बीजेपी में दुर्व्यवस्था पनप रही है. जनता की भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है. बीजेपी में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और जी हजूरी प्रथा चल रही है. जनविरोधी नीतियों से प्रदेश की जनता त्रस्त है, सम्मान देने वाले व्यक्ति का अपमान किया जा रहा है और चापलूसों को तबज्जों दी जा रही है.
टीकमगढ़ के भक्ति तिवारी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी का कर्मठ सिपाही हूं. रास्ता भटक गया था. मुझे गलती का एहसास हो चुका है और मैंने घर वापसी की है. मुझे जो भी जिम्मेदारी पार्टी सौंपेगी, उस पर पूरी तरह खरा उतरूंगा.
करीब आठ दिन पहले इन दो दिग्गजों ने थामा था कांग्रेस का दामन
वीरेंद्र रघुवंशी: शिवपुरी की कोलारस विधानसभा सीट से वीरेंद्र रघुवंशी बीजेपी के विधायक हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था जिसके बाद से कयासों का दौर जारी था. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों पर गंभीर आरोप लगा दिये थे. उन्होंने शिवपुरी के प्रभारी मंत्री पर क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों को पैसे लेकर तैनात करने के आरोप तक लगा दिये थे.
भंवर सिंह शेखावत : भंवर सिंह शेखावत की बात करें तो वे बीजेपी से विधायक रहे हैं. 2018 में वह बदनावर से राज्यवर्धन दत्तीगांव से चुनाव नहीं जीत सके थे. सिंधिया के साथ दत्तीगांव बीजेपी में शामिल हुए और उपचुनाव भी जीते. आज प्रदेश के उद्योग मंत्री के पद पर वे काबिज हैं. शेखावत शुरू से ही दत्तीगांव के बीजेपी में आने का विरोध कर रहे थे. बताया जा रहा है कि शेखावत बदनावर से टिकट मांग रहे थे जिसके बाद से उनकी कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई थी. शेखावत का कहना है कि उन्होंने बीजेपी नहीं छोड़ी, बल्कि पार्टी ने उन्हें छोड़ दिया है.
भाषा इनपुट के साथ