आतंकवादी संगठनों की मदद करने के लिए 10 साल से अधिक समय तक जेल की सजा काटने वाले शिकागो के एक कारोबारी को 2008 में मुंबई में हुए हमलों के मामले में भारत में आरोपों का सामना करने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इन हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे. अभियोजकों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों के संबंध में एक अपराध का दोषी ठहराया गया था हालांकि अमेरिकी अभियोजक 2011 में चले मुकदमे के दौरान उस पर आतंकवाद का वह आरोप साबित करने में नाकाम रहे जो उसे उन हमलों से सीधे जोड़ता था. अभियोजकों ने बताया कि राणा 14 साल की जेल की सजा काट रहा था जब उसे पिछले हफ्ते खराब सेहत और कोरोना वायरस के कारण लॉस एंजिलिस की एक संघीय जेल से जल्दी रिहा कर दिया गया.
उसे दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया और वह लॉस एंजिलिस में हिरासत में है क्योंकि उसे हत्या की साजिश के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाना है. राणा को पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा को मदद मुहैया कराने के लिए शिकागो में दोषी करार दिया गया.
इस आतंकवादी समूह ने भारत में हमले की योजना बनाई थी. साथ ही उसे डेनमार्क के उस अखबार पर हमला करने की योजना में मदद करने के लिए भी गिरफ्तार किया गया जिसने 2005 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे. हालांकि इस हमले को अंजाम नहीं दिया गया. इन कार्टूनों ने कई मुसलमानों को आक्रोशित कर दिया था क्योंकि इस्लाम में पैगंबर की तस्वीरों पर पाबंदी है.
न्यायाधीशों ने राणा को मुंबई में हमले करने वाले 10 लोगों की मदद करने के बेहद गंभीर आरोप से मुक्त कर दिया था. राणा के वकील ने कहा कि उसे उसके स्कूल के सहपाठी रहे डेविड कोलमैन हेडली ने फंसाया. राणा पर आरोप है कि उसने शिकागो स्थित अपने आव्रजन कानून उद्योग की एक शाखा हेडली को मुंबई में खोलने दी और डेनमार्क में कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर यात्रा करने में उसकी मदद की.
अभियोजकों का कहना है कि राणा जानता था कि हेडली ने आतंकवादी के तौर पर प्रशिक्षण लिया है. हेडली ने मुंबई और ताज महल पैलेस होटल की रेकी करने की सूचना साझा की थी जहां बंदूकधारियों ने दर्जनों लोगों की हत्या कर दी थी.
Posted By : Sameer Oraon