केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत को आतंकी संगठन घोषित किया है. इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत (टीईएच) जम्मू-कश्मीर को यूएपीए के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया.
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क्या लिखा अमित शाह ने सोशल मीडिया पर
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (TeH) को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है. यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रखे हुए है. उन्होंने आगे लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा. अपने इस पोस्ट को शाह ने पीएम मोदी को भी टैग किया है.
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मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) पर लगाया जा चुका है बैन
यदि आपको याद हो तो 27 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगाया था. इसकी जानकारी भी गृहमंत्री अमित शाह ने दी थी और कहा था कि, देश विरोधी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर UAPA के तहत 5 साल के लिए बैन लगाने का काम किया गया है.
प्रतिबंध का मतलब आखिर होता क्या है?
प्रतिबंध का मतलब क्या होता है? यदि आपके मन में भी यह सवाल आ रहा है तो आइए आपको इसका जवाब देते हैं. दरअसल, अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत केंद्र सरकार को किसी संगठन को ‘गैरकानूनी’ या ‘आतंकवादी’ घोषित करने का अधिकार होता है. इसे ही आम बोलचाल की भाषा में ‘प्रतिबंध’ की संज्ञा दी जाती है.
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गृह मंत्रालय की मानें तो, इस समय देश में 43 संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है. इसका मतलब उन पर प्रतिबंध है. इस प्रतिबंधित संगठन में कई खालिस्तानी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, लिट्टे और अलकायदा जैसे संगठनों का नाम शामिल हैं.