मुंबई : देश में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के मुहिम के बीच महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी में अभी से ही मंथन शुरू हो गया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में बैठकों और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. खासकर, सीटों के बंटवारे को लेकर एमवीए के घटक दलों में अभी से ही रस्साकशी शुरू हो गई है.
एमवीए के घटक दलों को 7 सीट ही देना चाहती है कांग्रेस
अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने अभी हाल ही के दिनों में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 41 सीटों की समीक्षा की है. पार्टी के सूत्रों की ओर से कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि 7 सीट ही एमवीए के घटक दलों के साथ साझा करना चाहती है. हालांकि, कांग्रेस से पहले शिवसेना (यूबीटी) ने भी इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह उन सभी 19 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहेगी, जिस पर उसने 2019 के आम चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे.
सीट बंटवारे पर पहल तो करे एमवीए : नाना पटोले
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले शनिवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यख नाना पटोले ने संकेत देते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सभी लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. उन्होंने कहा कि हमारे संगठन के कार्यकर्ता मजबूती के साथ कम कर रहे हैं. इसलिए कांग्रेस पर लोगों को भरोसा पहले की अपेक्षा अधिक बढ़ा है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों से तभी चर्चा की जा सकती है, जब महाविकास अघाड़ी की ओर से पहल शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम सबका एकमात्र लक्ष्य भाजपा को किसी भी स्थिति में हराना है.
2019 में एक ही सीट जीत सकी थी कांग्रेस
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसमें कांग्रेस ने 25 और एनसीपी ने 23 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतारे थे. हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस केवल एक चंद्रपुर सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि एनसीपी ने मोदी लहर के बावजूद चार सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की थी.
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भाजपा संग चुनाव लड़कर 19 सीट जीती थी शिवसेना
उधर, 2019 के चुनाव में शिवसेना और भाजपा संयुक्त रूप से चुनाव लड़ी थी. इन दोनों पार्टियों के बीच भी 25-23 सीटों का बंटवारा हुआ था. भाजपा 25 सीट पर लड़ी थी और सभी सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, शिवसेना 23 सीट पर चुनाव लड़ी, लेकिन वह 19 सीट पर जीत हासिल की. हालांकि, जून 2022 में शिवसेना का विभाजन हो गया, तो उद्धव ठाकरे गुट के खाते में केवल छह सांसद ही रह गए. इनमें से पांच महाराष्ट्र और एक दमन-दीव से हैं. वहीं, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के खाते में 13 सांसद हैं. अगर एमवीए की बात की जाए, तो इस समय महाविकास अघाड़ी के पास कुल 11 सांसदों की ही संख्या है.