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National News : जानिए दक्कन क्षेत्र की उन नदियों के बारे में जो पूर्व की ओर बहती हैं

भारत में अनगिनत नदियां हैं. इन नदियों को हम चार समूहों में बांट सकते हैं. ऐसी ही कुछ नदियों के प्रवाह व उनकी लंबाई के बारे में जानते हैं.

National News : यदि हम गौर करें, तो पायेंगे कि विश्व की तमाम सभ्यताओं का उदय नदी किनारे ही हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि नदी हमारी जीवनरेखा है. इसके बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है. ऐसे में हमें अपने देश की नदी प्रणालियों, प्रमुख नदियों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है. भारतीय नदी प्रणाली को चार वर्गों में बांटा जा सकता है- हिमालयी नदियां, दक्कन या प्रायद्वीपीय नदियां, तटवर्ती नदियां और अंत: स्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां. चूंकि बारहमासी, यानी हिमालयी नदियों के बारे में पहले चर्चा हो चुकी है, सो इस बार हम बाकी की तीन नदी समूहों के बारे में बात करेंगे.

दक्कन क्षेत्र की नदियां

दक्कन क्षेत्र की प्रमुख नदियों में गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, नर्मदा और ताप्ती हैं. दक्कन की नदी प्रणालियों की अधिकांश प्रमुख नदियों का जल प्रवाह पूर्व दिशा की ओर होता है और ये बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती हैं. इन नदियों में गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी आदि शामिल हैं. वहीं नर्मदा और ताप्ती पश्चिम की ओर बहने वाली मुख्य नदियां हैं. इन नदियों में से गोदावरी नदी का बेसिन सबसे बड़ा है. प्रायद्वीपीय नदियों में बेसिन के मामले में गोदावरी के बाद कृष्णा नदी है और उसके बाद महानदी का स्थान है. दक्कन की ऊपरी भूमि (upland) में नर्मदा का बेसिन अरब सागर की ओर बहता है, जबकि कावेरी बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.

तटीय या तटवर्ती नदियां

देश में अनेक तटीय नदियां हैं जो तुलनात्मक रूप से छोटी हैं. ऐसी गिनी-चुनी नदियां पूर्वी तट के डेल्टा के निकट समुद्र में मिल जाती हैं. पश्चिमी तट पर ऐसी करीब 600 नदियां हैं.

अंतःस्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियां

इस तरह की नदियां राजस्थान में हैं. यहां की कई नदियां समुद्र में नहीं मिलतीं. चूंकि इन नदियों का समुद्र की ओर कोई निकास नहीं है, इसलिए वे नमक की झीलों में मिलकर रेत में समा जाती हैं. इसके अतिरिक्त, राजस्थान में मरुस्थलीय नदियां भी हैं जो कुछ दूरी तक बहने के बाद मरुस्थल में खो जाती हैं. इन नदियों में लूनी, माछू रूपेन, सरस्वती, बनास तथा घग्घर हैं.

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भारत की सबसे लंबी नदी गंगा है

भारतीय उपमहाद्वीप की दो प्रमुख नदियां हैं सिंधु और ब्रह्मपुत्र. इन दोनों की कुल लंबाई गंगा नदी से अधिक है.

  • सिंधु नदी की लंबाई 2,900 किलोमीटर है.
  • ब्रह्मपुत्र भी सिंधु की तरह 2,900 किलोमीटर लंबी नदी है.
  • गंगा नदी की लंबाई 2,510 किलोमीटर है और यह भारत के भीतर बहने वाली सबसे लंबी नदी है.
  • गोदावरी नदी 1,450 किलोमीटर लंबी है.
  • नर्मदा की लंबाई 1,290 किलोमीटर है.
  • कृष्णा नदी की लंबाई नर्मदा नदी की ही तरह 1,290 किलोमीटर है.
  • महानदी 890 किलोमीटर लंबी है.
  • जबकि कावेरी नदी 760 किलोमीटर लंबी है.

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