National News
CEEW-CEF की 2024 के लिए तीन मई को जारी मार्केट हैंडबुक में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश में स्थापित लगभग 26 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता में Renewable energy (RE) sources का योगदान 71 प्रतिशत रहा. इस प्रकार, अब देश की कुल स्थापित ऊर्जा क्षमता 442 गीगावाट तक पहुंच गयी है. इस कुल स्थापित 442 गीगावाट ऊर्जा क्षमता में,
- Renewable energy की भागीदारी लगभग 144 गीगावाट (33 प्रतिशत) हो गयी है.
- वहीं Hydro Power की हिस्सेदारी लगभग 47 गीगावाट (11 प्रतिशत) हो गयी है.
- भारत की कुल स्थापित क्षमता में कोयला /लिग्नाइट की हिस्सेदारी पहली बार 50 प्रतिशत से नीचे आयी है और इसका कारण अक्षय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होना है.
- भारत की ऊर्जा क्षमता में सोलर- ग्रीड स्केल और रूपटॉप- का योगदान लगातार सबसे अधिक बना रहा. इस प्रकार वित्त वर्ष 2023-24 में अक्षय ऊर्जा की क्षमता में लगभग 15 गीगावाट की वृद्धि हुई.
- विंड कैपेसिटी दोगुनी वृद्धि के साथ लगभग 3.3 गीगावाट पर पहुंच गयी. जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 2.3 गीगावाट थी.
- वित्त वर्ष 2016-2017 के बाद पहली बार 2023-2024 में nuclear capacity में (1.4 गीगावाट) वृद्धि दर्ज हुई.
- लगातार दूसरे वर्ष गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में दो बिलियन डॉलर से ज्यादा की एफडीआई आयी.
रिन्यूएबल एनर्जी की नीलामी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची
सीईईडब्ल्यू-सीईएफ मार्केट हैंडबुक के अनुसार, देश में रिन्यूएबल एनर्जी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप ही वित्त वर्ष 2023-2024 में लगभग 41 गीगावाट नीलामी क्षमता के साथ रिन्यूएबल एनर्जी की नीलामी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी. इसके अतिरिक्त, इस वित्त वर्ष एनर्जी स्टोरेज कंपोनेंट समेत आठ नीलामियां भी हुईं, जो संकेत करती हैं कि नवीन बिजली खरीद (इनोवेटिव पावर प्रोक्योरमेंट) प्रारूपों की तरफ लोग बढ़ रहे हैं.
एनुअल बिडिंग का 95 प्रतिशत हिस्सा पूरा हुआ
सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के डायरेक्टर, गगन सिद्धू का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एमएनआरई (मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिल्यूएबल एनर्जी) ने 50 गीगावाट के एनुअल बिडिंग ट्राजेक्टरी का जो लक्ष्य रखा गया था, उसका लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो गया.
पावर डिमांड में जारी रही वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भी पीक पावर डिमांड में बढ़ोतरी जारी रही और इस वर्ष यह 240 गीगावाट की नयी ऊंचाई पर पहुंच गयी. ऐसा होने के कारणों में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और अगस्त से अक्तूबर 2023 के बीच अनुमान से कम बारिश, नवंबर 2023 में सामान्य से अधिक तापमान और उत्तर भारत में सर्दियों में पड़ी भीषण ठंड रही. बिजली की मांग की बात करें, तो 2023-24 में 2022-23 की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई. सीईईडब्ल्यू-सीईएफ की रिसर्च एनालिस्ट, रिद्धि मुखर्जी का कहना है कि भारत में बिजली की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए, Ministry of Power ने इलेक्ट्रिसिटी (लेट पेमेंट सरचार्ज एंड रिलेटेड मैटर्स) रूल्स-2022 में बदलाव किया था, जिसके तहत un-requisitioned surplus power की बिक्री को अनिवार्य कर दिया गया था.
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं. इन्हीं में से एक है 2023-2024 में आवासीय क्षेत्र में rooftop solar installation को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है.