छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को नक्सलियों ने CRPF कैंप पर हमला किया. नक्सलियों ने कैंप पर गोलीबारी की. जवाबी कार्रवाई में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए, जबकि 14 अन्य घायल हो गए. पुलिस महानिदेशक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी. ने बताया कि यह घटना बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित टेकलगुडेम गांव के समीप उस वक्त हुई, जब सुरक्षाकर्मियों का एक संयुक्त दल तलाश अभियान चला रहा था.
#UPDATE | Three jawans succumbed to their injuries and 14 remain injured following the exchange of fire with naxals near Jonaguda & Aliguda at Bijapur- Sukma Border. #Chhattisgarh pic.twitter.com/3VWZA84I6w
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 30, 2024
नक्सलियों ने हमला उस समय किया जब कोबरा कमांडो अग्रिम अभियान शिविर (एफओबी) बना रहे थे
यह घटना बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित टेकलगुडियाम गांव में उस वक्त हुई जब कोबरा कमांडो अग्रिम अभियान शिविर (एफओबी) स्थापित करने के लिए काम कर रहे थे. एफओबी एक दूरस्थ शिविर है जिसका उद्देश्य मुख्य नक्सली क्षेत्रों में सक्रिय सुरक्षा बलों को अभियानगत सुविधाएं उपलब्ध कराना है. उन्होंने बताया कि जब गोलीबारी हुई तब 201वीं ‘कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) इलाके में काम कर रही थी. अधिकारियों ने कहा कि कमांडो ने प्रभावी जवाबी कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि घायलों की संख्या ज्यादा हो सकती है.
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2021 में नक्सली हमले में 23 जवान हुए थे शहीद
आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया, बीजापुर-सुकमा सीमा पर जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के पास नक्सलियों के साथ गोलीबारी हुई है. जिसमें जवान घायल हुए हैं. उन्होंने बताया, यह वही जगह है जहां 2021 में 23 जवान शहीद हुए थे.
दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लगाए आईईडी बरामद, बड़ी घटना टली
इससे पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बरामद होने से मंगलवार को एक बड़ी घटना टल गई. अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर की गई खोज के दौरान जिला आरक्षित बल (डीआरजी), छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ), जिला बल और बम निरोधक दस्ते के संयुक्त दल को किरनडुल थानांतर्गत हिरोली गांव के निकट पांच और तीन किलोग्राम के दो आईईडी मिले. उन्होंने कहा, गश्त के दौरान इलाके से गुजरने वाले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए रास्ते में विस्फोटक लगाए गए थे. बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने बाद में बमों को निष्क्रिय कर दिया। एक बड़ी त्रासदी टल गई. सात जिलों वाले बस्तर संभाग में नक्सली अक्सर नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक लगाते रहते हैं.