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असम-पुडुचेरी में एनडीए ने दिखाया दम, तो केरल-तमिलनाडु में एलडीएफ-डीएमके ने लहराया परचम, जानें किसने किसे दी पटखनी

असम और पुडुचेरी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपना दम दिखाया है, तो केरल और तमिलनाडु में एलडीएफ और डीएमके ने अपना परचम लहराया है.

Assembly Election 2021 Result : देश के चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु) और एक केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में मतगणना का काम समाप्त हो चुका है. तीन राज्य असम, केरल और तमिलनाडु तथा केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के चुनाव परिणाम पर नजर डालें, तो इन चार प्रदेशों में भाजपा नीत एनडीए और गैर-भाजपाई दलों ने 50-50 के तौर पर जीत दर्ज किया है. असम और पुडुचेरी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपना दम दिखाया है, तो केरल और तमिलनाडु में एलडीएफ और डीएमके ने अपना परचम लहराया है.

असम में भाजपा नीत एनडीए स्पष्ट बहुमत पाकर दोबारा सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है, तो पुडुचेरी में उसने पहली बार जीत दर्ज की है. वहीं, केरल में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की पार्टी एलडीएफ ने सूबे की राजनीतिक परंपरा तो ध्वस्त करते हुए दोबारा जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है. आम तौर पर केरल में विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी को हार का ही सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार एलडीएफ ने इस मिथक को तोड़ दिया है. वहीं, तमिलनाडु में डीएमके ने सत्तारूढ़ एआईडीएमके को पटखनी देने में कामयाबी हासिल की है.

असम में एनडीए को स्पष्ट बहुमत

पूर्वोत्तर के राज्य असम में भाजपा नीत एनडीए ने रविवार को विधानसभा चुनाव परिणाम में अभी तक 64 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लिया है. राज्य विधानसभा में कुल 126 सीटें हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भाजपा के हिस्से में 50 सीटें आई हैं, जबकि उसके गठबंधन सहयोगियों असम गण परिषद (एजीपी) के हिस्से में नौ और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के हिस्से में छह सीटें आई हैं.

वेबसाइट के अनुसार, कांग्रेस के हिस्से में 22 सीटें आई हैं और आठ सीटों पर वह आगे चल रही है, जबकि उसके गठबंधन सहयोगी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिस्से में 11 सीटें आई हैं और वह 5 पर आगे चल रहा है. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को चार और माकपा को एक सीट मिली है. 2016 में भाजपा 60 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी.

केरल में एलडीएफ को यूडीएफ पर शानदार जीत

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का दशकों का राजनीतिक कौशल उनके नेतृत्व वाले एलडीएफ ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज किया है. राज्य में करीब चार दशक से एलडीएफ और यूडीएफ एक-एक कार्यकाल के लिए सत्ता में आते थे. राज्य ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी गठबंधन ने लगातार दो बार चुनाव जीता है. राज्य विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 अप्रैल को हुए थे. वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की इस ऐतिहासिक जीत के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें सरकार की ओर से मुफ्त में चावल बांटने, कोरोना का बेहतर प्रबंधन जैसी तमाम चीजें शामिल हैं. कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरी और भाजपा की परंपरागत वाम विरोधी नीतियों ने भी एलडीएफ को आसानी से जीतने में मदद की है. एलडीएफ ने 140 में से 87 सीटें जीती हैं.

पुडुचेरी में एनडीए ने पहली बार दर्ज की जीत

पुडुचेरी की 30 विधानसभा सीटों में से 22 सीटों के नतीजों में एआईएनआरसी की अगुआई में एनडीए 13 सीटें जीतकर और दो पर बढ़त बनाकर सरकार बनाने के लिए तैयार है. कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन को पांच सीटों पर जीत मिली है और 4 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों के हाथ बाजी लगी है, जबकि मतगणना अभी जारी है. चुनाव आयोग के अनुसार, एआईएनआरसी ने 10, भाजपा ने तीन, द्रमुक ने तीन, कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने चार सीटें हासिल कीं. पुडुचेरी में सरकार बनाने के लिए 30 सदस्यों वाली विधानसभा में 16 विधायकों का समर्थन चाहिए.

तमिलनाडु में डीएमके ने सत्तारूढ़ एआईडीएमके को दी करारी शिकस्त

तमिलनाडु के 234 विधानसभा सीटों में से अकेले डीएमके को 154 सीटों पर जीत हासिल हो गई है, जबकि उसके विरोधी दल एआईडीएमके को केवल 77 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. 2016 के पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके को 136 सीटें हासिल हुई थी, जबकि विपक्षी दल डीएमके को 89 सीटें मिली थीं. कांग्रेस पार्टी को तब 8 जबकि अन्य के खाते में एक सीट गई थी.

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Posted by : Vishwat Sen

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