प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मॉरीशस की नई सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग का ऑनलाइन उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिशस की जनता को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से मजबूती से लड़ने और उसके प्रभावी प्रबंधन के लिए उन्हें बधाई दी. साथ ही पीएम ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है भारत दवाओं के निर्यात और अपने अनुभवों को साझा मॉरिशस के साथ साझा करके कोविड-19 के खिलाफ मॉरिशस की लड़ाई में उनके साथ खड़ा था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए, विकास में सहयोग करने में सबसे बुनियादी सिद्धांत हमारे सहयोगियों का सम्मान करना है. हम अपने सहयोगियों का सम्मान करते हैं. यही वजह है कि विकास के लिए हमारा सहयोग किसी शर्त के साथ नहीं आता. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि भारत को अफगानिस्तान में संसद भवन में मदद करने के लिए सम्मानित किया जाता है, तो नाइजर में महात्मा गांधी कन्वेंशन सेंटर बनाने में भी हमें गर्व है.
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उन्होंने कहा, मॉरीशस वो पहला देश था, जिसके साथ मैंने पहली बार भारत के ‘एसएजीएआर विजन (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास)’ के बारे में बात की थी. ऐसा इसलिए है क्योंकि मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण के केंद्र में है.
मौके पर मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कहा कि भारत और मॉरीशस दोनों हमारी स्वतंत्र न्यायपालिकाओं को हमारी लोकतांत्रिक प्रणालियों के महत्वपूर्ण स्तंभों के रूप में सम्मान देते हैं. यह प्रभावशाली नई इमारत, अपने आधुनिक डिजाइन और निर्माण के साथ, इस सम्मान का प्रतीक है. नरेंद्र मोदी मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल से धन्यवाद देता हूं कि मॉरिशस उनके दिल के बहुत करीब है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि मॉरिशस में नये सुप्रीम कोर्ट भवन का निर्माण भारत के सहयोग से हुआ है. यह इमारत मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में भारत की सहायता से बनी पहली आधारभूत संरचना है. इसका निर्णाण भारत सरकार द्वारा 2016 में मॉरीशस को दिए गए 35.3 करोड़ डॉलर के विशेष आर्थिक पैकेज से किया गया है.
Posted By: Pawan Singh