नई दिल्ली : दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके के मरकज मस्जिद द्वारा आयोजित तबलिगी जमात से लौटे 10 लोगों की कोरोनावायरस के कारण मौत हो गई है. सबसे ज्यादा छह मौतें तेलंगाना में हुई है. वहीं इस आयोजन में शामिल हुए 300 लोगों में कोरोना के संदिग्ध लक्षण पाये गये हैं. कहा जा रहा है कि आयोजन के दौरान ही इनमें कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखे थे.
बताया जा रहा है कि दिल्ली में धार्मिक कार्यों पर प्रतिबंध के बावजूद इसी महीने 18 मार्च को मरकज मस्जिद में एक आयोजन किया गया था, जिसमें तकरीबन 1500 लोग शामिल हुए थे, जिसमें से 300 लोग कोरोना संदिग्ध पाये गये हैं.
300 लोगों में था शुरूआती लक्षण– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोजन की शुरूआत में ही 300 लोगों में कोरोनावायरस के शुरूआती लक्षण दिखा था, लेकिन मस्जिद कमेटी इसे इग्नोर कर दी.
19 विदेशी कोरोना पॉजिटिव– आयोजन में शामिल हुए 19 विदेशियों के कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आया है. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में तकरीबन 500 से अधिक विदेशी शामिल हुए थे, जिसमें से कई अपने घर लौट गये हैं.
इलाके को कराया खाली- घटना की जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन दरगाह इलाके में स्थित उस मस्जिद के आसपास के जगहों को खाली करा लिया है. इसके अलावा, पुलिस द्वारा यहां पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है, ताकि लॉकडाउन से संबंधित आदेश का सख्ती से पालन हो सके. इससे पहले दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके के कुछ लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण होने की जानकारी दी थी.
सीएम केजरीवाल ने दिया एफआईआर के निर्देश– दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मरकज मस्जिद के मौलाना पर एफआईआर के निर्देश दिए हैं. केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को कहा है कि मौलाना सहित जो भी लोग इसके लिए दोषी है, उसपर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाये.
धार्मिक कार्य का आयोजन- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मस्जिद में 18 मार्च को एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में देश के कई राज्यों से 300-400 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर लोग वापस अपने घर लौट गए थे. आपको बता दें कि निजामुद्दीन स्थित मरकज मस्जिद इस्लाम की शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाला विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां काफी देशों के लोग आते-जाते रहते हैं. आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद से ही धार्मिक कार्यों के आयोजन पर बैन लगा दिय गया था.