Fake News: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया में फैल रही एक खबर को भ्रामक और फर्जी करार दिया है. सीएम सरमा ने जंगली हाथियों को असम से गुजरात ले जाने की बातों को खारिज करते हुए इसे पूरी तरह निराधार बताया है. सीएमओ की ओर से जारी एक बयान ने सोशल मीडिया पर वायरल उस रिपोर्ट के दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार के संरक्षण में 18 जंगली हाथियों को असम से गुजरात के जामनगर के एक निजी चिड़ियाघर वंतारा में ट्रांसफर किया गया है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि यह चिड़ियाघर प्रसिद्ध उद्यमी मुकेश अंबानी का है.
रिपोर्ट झूठी और भ्रामक- सीएमओ
असम के सीएम ऑफिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट ने इस रिपोर्ट को निराधार और झूठ बताया है. असम के सीएम ऑफिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट की ओर से इस संबंध में जारी एक बयान में साफ शब्दों में कहा गया है कि हाथियों को गुजरात ट्रांसफर करने से संबंधित रिपोर्ट झूठी थीं. इस संबंध में महज अफवाह फैलाई गई है. सीएम ऑफिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट के जरिये कहा गया है, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि हाल के दिनों में असम से कोई भी हाथी कहीं नहीं ले जाया गया है. असम को ऐसी गतिविधियों से जोड़ने वाली कुछ खबरें और सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से अनुचित और झूठी हैं. पिछले दो दिनों में वाहनों में ले जाए जा रहे हाथी असम के नहीं हैं. असम से हाथी कहीं नहीं जा रहे हैं और सब असम के जंगलों में ही रहेंगे.’
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तस्वीर
दरअसल, हाथियों को असम से गुजरात ट्रांसफर करने के संबंध में यह विवाद तक शुरू हुआ जब हाथियों को ट्रक से ले जाने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. साथ ही रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि हाथियों को गुजरात के एक निजी चिड़ियाघर ‘वंतारा’ में ले जाया जा रहा है, जो उद्यमी मुकेश अंबानी का है. उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पिछले दो दिन में पड़ोसी राज्य असम से जानवरों की एम्बुलेंस का एक काफिला गुजरता हुआ दिखाई दे रहा है. पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कुछ वाहनों में हाथियों को ले जाया जा रहा था, क्योंकि एक वाहन में जानवरों की एम्बुलेंस के हुड से हाथी की सूंड दिखाई दे रही थी. वाहनों पर गुजरात के रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट भी लगी हुई थी.
बता दें, ‘वंतारा’ के संस्थापक मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी पशु प्रेमी हैं और पशु कल्याण व पशुओं के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं. उनके अभयारण्य में पशुओं की बेहतर देखरेख भी की जाती है. ‘वंतारा’ में अरुणाचल प्रदेश के हाथियों को संरक्षित वातावरण में बेहतर भविष्य भी प्रदान किया जा रहा है. ऐसे में असम के हाथियों को ‘वंतारा’ भेजने की बात स्वत: गलत साबित हो रही है. अब तो खुद असम के सीएम ने भी इस रिपोर्ट के दावों का खंडन कर दिया है. खास बात यह है कि भारत में नैतिक वन्यजीव संरक्षण के लिए आशा की किरण के रूप में खड़े ‘वंतारा’ को उसके प्रभावशाली काम के लिए अलग से पहचाना जाता है और यह पशु संरक्षण के क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य के एक उदाहरण के रूप में स्थापित हो रहा है.