जयपुर/नई दिल्ली : राजस्थान में कांग्रेसी नेताओं की आपसी राजनीतिक तकरार थमने का नाम ही नहीं ले रही है. सूबे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गुटों के बीच लंबे वक्त से चली आ रही तकरार को थामने के लिए पार्टी आलाकमान ने कैबिनेट विस्तार तक करवा दिया, लेकिन अब कैबिनेट में शामिल होने के बाद कांग्रेसी नेताओं में विभागों के बंटवारे को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है.
खबर है कि कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रालयों के बंटवारे से सरकार में शामिल होने वाले कांग्रेसी विधायक खुश नहीं हैं. अब कयास यह लगाया जा रहा है कि विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से ही किया जाएगा. हालांकि, कैबिनेट विस्तार के साथ ही यह माना जाने लगा था कि राजस्थान कांग्रेस की अंदरुनी कलह थम जाएगी, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के बाद विभाग बंटवारे को लेकर आपसी खींचतान घटती नजर नहीं आ रही है.
यह बात दीगर है कि राजस्थान कैबिनेट में नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है. हम सभी मिलकर 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए काम करेंगे और चुनाव जीतकर दिखाएंगे.
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उधर, मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे. इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत की जाएगी. मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत इस पक्ष में दिखाई दे रहे हैं कि जिन मंत्रियों को पहले से विभाग दिया हुआ है, उन्हें वही मंत्रालय दिया जाए. बाकी नए चेहरों को खाली मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाए.