तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस के चलते उड़ानें रद्द होने से केरल के कम से कम 300 लोग मलेशिया के कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर फंसे हुए थे. ये लोग तीन देशों की यात्रा कर मलेशिया पहुंचे थे, जहां से इन्हें वापस भारत आना था, लेकिन उड़ान रद्द होने के कारण हवाई अड्डे पर ही फंसे रह गए. जिनमें से 185 भारतीय को बुधवार को एयर एशिया की फ्लाइट से भारत लाया गया. सभी को अगले 28 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा.
M Raj Kishore, Director, Visakhapatnam International Airport, Andhra Pradesh: One Air Asia flight landed at Visakhapatnam airport today, after evacuating 185 students from Kuala Lumpur. All passengers will be house quarantined for the next 28 days. #Coronavirus pic.twitter.com/sTNJrIsnYl
— ANI (@ANI) March 18, 2020
बता दें,ये लोग फिलिपीन, कम्बोडिया और मलेशिया की यात्रा कर हवाई अड्डे पर पहुंचे थे इनमें कई छात्र भी शामिल थे. विभिन्न समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो में एक छात्रा कह रही थी, ”हम फिलिपीन में पढ़ाई कर रहे हैं. कई उड़ानें रद्द हो गई हैं और हम कुछ घंटों से यहां फंसे हुए हैं. हम फिलिपीन वापस नहीं जा सकते और न ही भारत सरकार हमें लाने को तैयार है.
हम भारतीय अधिकारियों से संपर्क की कोशिश कर रहे हैं. हम में से कोई भी फिलिपीन वापस नहीं जाना चाहता’. वीडियो में कुछ लोगों ने कहा कि बोर्डिंग पास मिलने के बाद उन्हें बताया गया कि उड़ान रद्द कर दी गई है. यात्रियों ने कहा केरल, बेंगलुरू और चेन्नई को जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी थी- “कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर वापस आने की प्रतीक्षा कर रहे भारतीय छात्रों और अन्य यात्रियों की कठिन स्थिति की सराहना करते हैं. हमने अब आपके लिए दिल्ली और विशाखापत्तनम के लिए एयर एशिया की उड़ानों को मंजूरी दे दी है.
Appreciate the difficult situation of Indian students and other passengers waiting in transit at Kuala Lumpur airport. We have now approved @AirAsia flights for you to Delhi and Vizag.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 17, 2020
These are tough times and you should understand the precautions. Please contact the airline.
राज्यसभा सदस्य जोस के मणि ने कहा था कि वह भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं. एक अन्य वीडियो में एक महिला रोते हुए अधिकारियों से उन्हें इटली से बाहर निकालने की गुहार लगा रही है. महिला ने कहा, ‘हमें केवल अपनी राज्य और केन्द्र सरकार से उम्मीद कर सकते हैं.