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Old Parliament: ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाएगा संसद का पुराना भवन, पीएम मोदी ने दिया था सुझाव

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि पुराने संसद भवन को अब 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संसद का कामकाज यहां नए भवन में स्थानांतरित हो गया है.

नये संसद भवन में विशेष सत्र की कार्यवाही मंगलवार को शुरू होने के साथ ही भारत के संसदीय इतिहास में एक नये अध्याय की शुरुआत हो गई. संसद का पुराना भवन (old parliament building) अब इतिहास बन गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों- अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी तथा अन्य नेताओं के साथ पुरानी इमारत से निकलकर नए संसद भवन में पहुंचे.

संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा पुराना संसद भवन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि पुराने संसद भवन को अब ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संसद का कामकाज यहां नए भवन में स्थानांतरित हो गया है. अध्यक्ष ने यह भी घोषणा की कि अब लोकसभा की कार्यवाही में उपयोग किए जाने वाले ‘सदन’, ‘लॉबी’ और ‘गैलरी’ जैसे शब्द नई इमारत को संदर्भित करेंगे. उन्होंने कहा, जिस भवन (पुराना भवन) में हम सुबह एकत्र हुए थे, उसे अब संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा. इस घोषणा के बाद बिरला ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

पीएम मोदी ने दिया सुझाव

पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि पुराने संसद भवन का नाम ‘संविधान सदन’ रखा जाना चाहिए. लोकसभा सचिवालय ने बयान जारी कर बताया, लोकसभा अध्यक्ष को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि पुराने संसद भवन को अब संविधान सदन के रूप में जाना जाएगा.

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पुराने संसद भवन में 4,000 से अधिक विधेयक पारित किए गए : पीएम मोदी

पुराने संसद भवन की विरासत का जश्न मनाने के लिए आयोजित समारोह में मोदी ने कहा, नए संसद भवन में हम नए भविष्य के लिए, नई शुरुआत करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 से अब तक दुनिया भर के 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित किया है और पिछले सात दशकों में संसद ने 4,000 से अधिक विधेयक पारित किए हैं. उन्होंने कहा, आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं. आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्पबद्ध होना और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं.

पुराने संसद भवन से ही मुस्लिम माताओं और बहनों को न्याय मिला

पुराने संसद भवन में पारित विधेयकों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम माताओं और बहनों को न्याय मिला क्योंकि ‘तीन तलाक’ के खिलाफ विधेयक यहां से एकजुट होकर पारित किया गया. उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में संसद ने ट्रांसजेंडरों को न्याय देने वाले विधेयक पारित किए हैं. हमने एकजुट होकर ऐसे विधेयक पारित किए हैं जो विशेष रूप से विकलांग लोगों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देंगे। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का अवसर मिला.

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पुराने संसद भवन ने अनुच्छेद 370 से छुटकारा पाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने अनुच्छेद 370 से छुटकारा पाने और अलगाववाद तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया. उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते. अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था.

संविधान की प्रति के साथ पीएम मोदी ने नये संसद भवन का किया मार्च

संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की प्रति के साथ पुराने संसद भवन से नये संसद भवन तक पदयात्रा की. इस दौरान उसके साथ दोनों सदन के सांसद भी पदयात्रा में शामिल हुए. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को हाथ में संविधान की प्रति लेकर संसद के पुराने भवन से नए भवन तक मार्च किया. इस दौरान चौधरी के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, द्रमुक के नेता टीआर बालू, कनिमोई, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश तथा कुछ अन्य नेता भी थे. संसद के नए भवन में प्रवेश करने से पहले चौधरी ने संविधान की प्रति को ऊपर उठाकर दिखाया. चौधरी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान भी एक बार संविधान की प्रति दिखाई और कहा कि ‘आप जो भी काम करें, यह समझें कि संविधान सर्वोपरि है.

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