नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रजनन क्षमता को कोरोना वैक्सीन प्रभावित नहीं करता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बांझपन और प्रजनन क्षमता को लेकर फैलायी जा रही अफवाह पर स्पष्टीकरण दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोविड -19 के खिलाफ उपलब्ध वैक्सीन में से कोई भी पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है. साथ ही कहा है कि वैक्सीन से सुरक्षा और प्रभावकारिता के संबंध में आश्वस्त होने के बाद ही उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय का स्पष्टीकरण मीडिया रिपोर्टों के जवाब में आया है, जिसमें कहा गया है कि प्रजनन आयु की आबादी और स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए इसकी सुरक्षा के बीच कोविड-19 वैक्सीनेशन के कारण बांझपन के बारे में चिंता जतायी गयी है.
मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन का दुष्प्रभाव जानने के लिए सभी वैक्सीन और घटकों का परीक्षण पहले जानवरों और बाद में मनुष्यों पर किया जाता है. वैक्सीन को सुरक्षित पाये जाने के बाद ही उपयोग के लिए अधिकृत किया जाता है और आश्वासन दिया जाता है.
वैक्सीनेशन के संबंध में मंत्रालय ने पीआईबी फैक्ट चेक के जरिये मिथकों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है. साथ ही कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन से पुरुषों और महिलाओं में बांझपन और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. तथ्यों की जांच का हवाला देते हुए कहा है कि सभी वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी पाये गये हैं.
कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने भी इन आशंकाओं और आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पोलियो वैक्सीन लगाने के दौरान भी भारत और विदेशों में ऐसी ही गलत अफवाह फैलायी गयी थी. मंत्रालय के मुताबिक, डॉ अरोड़ा ने आश्वासन दिया है कि सभी वैक्सीन गहन वैज्ञानिक अनुसंधान से गुजरते हैं. किसी वैक्सीन से इस तरह के दुष्प्रभाव का मामला सामने नहीं आया है.
मालूम हो कि स्तनपान करानेवाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड -19 ने सभी वैक्सीनेशन की सिफारिश की है. साथ ही वैक्सीन की खुराक से पहले या बाद में स्तनपान रोकने या रोकने की जरूरत के बिना सुरक्षित करार दिया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.