विपक्षी दलों की तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है. 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली बैठक के दौरान गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रतीक चिह्न का अनावरण किए जाने की संभावना है. इधर खबर ये भी है कि मुंबई बैठक से आम आदमी पार्टी दूरी बना सकती है. क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर पेंच फंस गयी है. इसको लेकर आप में नाराजगी है.
मुंबई में होने वाली बैठक में शामिल हो सकते हैं 80 नेता शामिल
देश की वित्तीय राजधानी में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन की तीसरी बैठक में 26 से अधिक राजनीतिक दलों के लगभग 80 नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में 26 दल समूह का हिस्सा हैं और दो दिवसीय बैठक के दौरान कुछ और दल गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के प्रतीक चिह्न का अनावरण एक सितंबर को विचार-विमर्श की शुरुआत से पहले किया जा सकता है.
विपक्षी गुट की पहली बैठक जून में पटना में हुई थी
इस विपक्षी गुट की पहली बैठक जून में पटना में और दूसरी पिछले महीने बेंगलुरु में हुई थी। सूत्रों ने कहा कि पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के 31 अगस्त को शाम छह बजे से पहले मुंबई पहुंचने की उम्मीद है.
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ग्रैंड हयात होटल में रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे उद्धव ठाकरे
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे 31 अगस्त को उपनगरीय मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में आने वाले नेताओं के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. अगले दिन, बैठक उसी स्थान पर होगी और उसके बाद संवाददाता सम्मेलन होगा. उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी की राज्य और मुंबई इकाइयों द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक सितंबर को बैठक के बाद मध्य मुंबई में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तिलक भवन का दौरा कर सकते हैं.
एमवीए के नेता बैठक को सफल बनाने में जुटे
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और अशोक चव्हाण सहित महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेता यह सुनिश्चित करने के लिए लगे हुए हैं कि बैठक सफल हो. उन्होंने कहा, होटल पहुंचने पर आगंतुकों का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा. सभी नेता तैयारियों के तहत नियमित बैठकें कर रहे हैं. रविवार को हुई बैठक में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत, कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़, मिलिंद देवड़ा और नसीम खान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नरेंद्र वर्मा समेत अन्य शामिल हुए.
कांग्रेस और आप के बीच ठनी, गठबंधन पर फंस सकता है पेंच
आम आदमी पार्टी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है तो उसके साथ गठबंधन करने का कोई मतलब नहीं है. आप का यह बयान कांग्रेस नेता अलका लांबा की उस टिप्पणी के बाद आया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें 2024 के चुनाव के लिए सभी सात सीटों पर तैयारी करने का निर्देश दिया है. कांग्रेस और आप विपक्षी समूह “इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) का हिस्सा हैं. आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि लांबा के बयान के बाद उनका शीर्ष नेतृत्व विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की मुंबई बैठक में भाग लेने पर फैसला करेगा.
मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक से आप बना सकता है दूरी
ऐसी खबर है कि आम आदमी पार्टी मुंबई में होने वाली बैठक से दूरी बना सकती है. आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में अकेले लड़ना चाहती है तो ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. प्रियंका ने कहा, अगर कांग्रेस ने मन बना लिया है कि दिल्ली में वो हमारे साथ गठबंधन नहीं करेंगे तो ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने और अपना समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है. हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होंगे या नहीं.
कांग्रेस ही थी जिसने दिल्ली में गठबंधन बनाने के लिए आप से संपर्क किया था : कक्कड़
कक्कड़ ने बताया, यह कांग्रेस ही थी जिसने दिल्ली में गठबंधन बनाने के लिए आप से संपर्क किया था क्योंकि उनका दिल्ली में कोई अस्तित्व नहीं है. आप के अन्य नेताओं ने भी ऐसी ही भावनाएं व्यक्त कीं. आप विधायक विनय मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को उसका रुख स्पष्ट करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस इसी तरह बयान देती रही तो ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई मतलब नहीं रहेगा. कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश और दिल्ली की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला लेंगे. आप नेता सोमनाथ भारती ने कहा, हर किसी को यह एहसास होना चाहिए कि हमें अपनी महत्वाकांक्षाओं को एक तरफ रखकर देश और संविधान के बारे में सोचना चाहिए.