नयी दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले को लेकर 14 विपक्षी पार्टियों ने नयी दिल्ली में बैठक कर संसद के दोनों सदनों में जोरदार चर्चा की मांग दोहराई. इसके अलावा विपक्ष तीनों नये कृषि कानूनों को लेकर भी चर्चा करना चाहता है. विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सदन में चर्चा की मांग की है.
Hence, the opposition leaders through a joint statement, have urged the government to uphold the parliamentary democracy and respond positively to the demand of discussing the matters in the Parliament.#ParliamentMonsoonSession
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) August 4, 2021
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुखिया शरद पवार ने ट्वीट कर बताया है कि ”आज दिल्ली में विपक्षी दल की बैठक में शामिल हुए. विपक्षी दलों ने पेगासस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में जोरदार चर्चा की मांग दोहरायी.”
साथ ही उन्होंने कहा है कि ”पेगासस पर चर्चा को सफल बनाने के लिए तीन किसान विरोधी कानूनों के परिणामस्वरूप होनेवाले किसानों के मुद्दों और आंदोलनों पर विपक्ष स्पष्ट रूप से चर्चा करना चाहता है.”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि ”इसलिए, विपक्षी नेताओं ने एक संयुक्त बयान के माध्यम से सरकार से संसदीय लोकतंत्र को बनाये रखने और संसद में मामलों पर चर्चा करने की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया है.”
विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि विपक्षी दल दोनों सदनों में पेगासस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपनी मांग पर दृढ़ और एकजुट हैं. गृह मंत्री ने जवाब दिया, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा आयाम हैं. विपक्ष ने अवगत करा दिया है कि पेगासस पर चर्चा के बाद किसानों के मुद्दों और कृषि कानूनों से उत्पन्न होनेवाले आंदोलन पर चर्चा होनी चाहिए.
In the national interest, progressive parties are united in wanting an objective discussion on #Pegasus, #AntiFarmersLaws, #PriceRise #EconomicCrisis. Yet, @BJP4India Govt. is disrupting Parliament & escaping from accountability.
Here is our joint statement on this matter- pic.twitter.com/NQDTwv7Yi7
— Leader of Opposition, Rajya Sabha (@LoPIndia) August 4, 2021
साथ ही कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने संसद बाधित होने के लिए संयुक्त विपक्ष को बदनाम करने के लिए भ्रामक अभियान चलाया है. गतिरोध की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की है. दोनों सदनों में बहस के लिए विपक्ष की मांग को स्वीकार करने से इनकार करती है.
इस सयुंक्त बयान में मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, टी आर बालू, आनंद शर्मा, रामगोपाल यादव, डेरेक ओ’ब्रायन, संजय राउत, कल्याण बनर्जी, विनायक राउत, तिरुचि शिव, मनोज झा, एलाराम करीम, सुशील गुप्ता, मो. बशीर, हसनैन मसूदी, बिनॉय विश्वम, एनके प्रेमचंद्रन, और एमवी श्रेयम्स कुमार के हस्ताक्षर हैं.