नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शांतनु सेन के संसद के मानसून सत्र के बचे हुए समय के लिए निलंबन और पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सेन को सदन में गरुवार को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनकर फाड़ने के मामले में संसद के मौजूदा सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है.
उनके इस निलंबन के बाद टीएमसी समेत दूसरे विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. दोपहर ढाई बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू की गई, तो राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेगासस जासूसी मामले को उठाने की कोशिश की.
खड़गे ने कहा कि उन्होंने नेताओं, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी संबंधी आरोपों के बारे में एक नोटिस दिया है. पीठासीन सभापति भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि इस बारे में सरकार की तरफ से पहले ही बयान दिया जा चुका है. इसी बीच, राज्यसभा में उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे को उठाया जा चुका है और इस पर आईटी मंत्री का बयान आ चुका है.
नकवी ने कहा कि आईटी मंत्री के बयान के समय विपक्ष के कुछ लोगों ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया था, यह देश ने देखा है. राज्यसभा के उपनेता नकवी बोल ही रहे थे कि कांग्रेस, टीएमसी सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके तुरंत बाद ही कालिता ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टिमय ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों.
इससे पहले, सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही दो दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई और फिर सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद अब तक केवल कोरोना महामारी के मुद्दे पर चार घंटे की चर्चा हो पाई है और इसके अलावा कोई अन्य कामकाज हंगामे की वजह से नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की विभीषिका के बीच यह सत्र आयोजित हुआ है और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी है. सभापति ने गुरुवार को सदन में हुए हंगामे और इस दौरान शांतनु सेन सहित दूसरे विपक्षी नेताओं के आचरण का जिक्र किया और इसे अशोभनीय बताया. सभापति ने कहा कि कल जो कुछ हुआ, निश्चित रूप से उससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई.
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Posted by : Vishwat Sen