नयी दिल्ली : कुलभूषण जाधव मामले से पाकिस्तान लगातार घिरता जा रहा है. भारत की तरफ से उठाये गये अहम मुद्दों पर जवाब देने में पाकिस्तान विफल रहा. भारत ने इस मामले पर कई अहम सवाल खड़े किये थे.
आज विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि कुलभूषण जाधव को बिना शर्त, बिना शर्त और बिना लाइसेंस के काउंसलर एक्सेस प्रदान करने की मांग थी. इसके साथ ही सभी जरूरी दस्तावेज की भी जानकारी मांगी गयी थी.
Pakistan has failed to respond on core issues pertaining to (Kulbhushan Jadhav) case. The core issues are the provision of all documents related to this case and providing unimpeded, unconditional and unhindered counsellor access to Kulbhushan Jadhav: MEA Spokesperson pic.twitter.com/B8prCsTM34
— ANI (@ANI) October 8, 2020
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का केस लड़ने से कई पाकिस्तानी वकीलों ने इनकार कर दिया इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जाधव की तरफ से केस लड़ने के लिए जिन्हें चुना था, पाकिस्तान के दो वरिष्ठ वकील आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान ने केस लड़ने से इनकार कर दिया. पाकिस्तानी सरकार पहले ही भारतीय वकीलों को शामिल करने से मना कर चुकी है.
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50 वर्षीय जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से पाकिस्तान के इनकार करने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया था.
आईसीजे ने जुलाई 2019 में अपने आदेश में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा की ‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार’ करना होगा. पाकिस्तान सरकार ने 22 जुलाई को उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. हालांकि, 20 मई से प्रभावी हुए अध्यादेश के तहत कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा अर्जी दायर करने से पहले भारत सरकार सहित मामले में मुख्य पक्षकार से संपर्क नहीं किया गया था.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak