संसद की सुरक्षा में चूक मामले में पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रही है. मास्टरमाइंड ललित झा के मुख्य सहयोगी महेश कुमावत को लंबी पूछताछ के बाद शनिवार को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया, बाद में कोर्ट ने उसे 7 दिनों की हिरासत में भेज दिया. संसद ‘स्मोक कांड’ के बाद आरोपियों के परिजनों का बुरा हाल है. रो-रोकर परिजनों का हाल बुरा है. उनके सामने रोजी-रोटी के भी लाले पड़ गए हैं. घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.
आरोपी अमोल शिंदे के माता-पिता को नहीं मिल रहे काम, रोजी-रोटी के लाले
6 आरोपियों में एक का नाम अमोल शिंदे है, जिसे पुलिस ने संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किया. अमोल और नीलम देवी संसद भवन के बाहर हंगामा और नारेबाजी की घटना हो अंजाम दिया था. जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा के अंदर दाखिल हुए. अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. अमोल के माता-पिता गरीब मजदूर हैं. संसद कांड के बाद से उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. उन्हें कोई काम नहीं दे रहा है. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, घटना के बाद से वह अपने घर से बाहर नहीं निकल पाएं हैं. उनके पास चायपत्ती खरीदने के भी पैसे नहीं हैं. अमोल के माता-पिता खेतों में मजदूरी करते हैं. उनके पिता धनराज शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, उसका बेटा पुलिस भर्ती के लिए दिल्ली गया था और तब से उसका फोन बंद है. उन्हें अपने बेटे के बारे में तब जानकारी मिली, जब मीडिया और पुलिस वाले उसके घर पहुंचे थे.
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कोलकाता में पुरोहित का काम कर अपनी जीविका चलाते हैं ललित झा के पिता
संसद की सुरक्षा में चूक की घटना का मास्टरमाइंड ललित झा भी पुलिस गिरफ्त में है. उसके माता-पिता भी गरीबी की हालत में हैं. बेटे के बारे में जानकर वो हतप्रभ हैं. बिहार के दरभंगा जिला के अलीनगर प्रखंड अंतर्गत रामपुर उदय गांव निवासी ललित झा के पिता देवानंद झा अपने जर्जर पैतृक घर के बाहर लोगों के जमावड़े से असहज दिखे. वह कोलकाता में पुरोहित का काम कर अपनी जीविका चलाते हैं. देवानंद जो इन दिनों अपने पैतृक घर पर हैं. उन्होंने कहा, मुझे अपने बेटे की गिरफ्तारी के बारे में अन्य लोगों के माध्यम से जानकारी मिली. आप सभी देख सकते हैं, हमारे पास एक टीवी भी नहीं है. पूरे घटनाक्रम से सदमे में दिखीं देवानंद की पत्नी मंजुला ने सिसकियों के बीच कहा, मेरा बच्चा बदमाश नहीं है. वह गलत कामों में शामिल नहीं हो सकता. वह हमेशा लोगों की मदद करता रहा है. उसने तीन बार अपना रक्त दान किया है.
आरोपियों ने संसद में किया हंगामा, सुरक्षा पर लगाया सेंध
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और पीले रंग की गैस फैलाई. सांसदों द्वारा पकड़े जाने से पहले उन्होंने कैन फेंके और नारे लगाए.
आत्मदाह करने वाले थे आरोपी
संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर को सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने लोकसभा के कक्ष में कूदकर धुआं उड़ाने की योजना पर सहमति बनाने से पहले स्वयं को आग लगाने और पर्चे बांटने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया था.