Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा चूक मामले में शामिल सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. संसद की सुरक्षा में चूक की घटना पिछले साल, 2001 के आतंकी हमले की बरसी पर हुई थी.
कोर्ट ने दो अगस्त के लिए सुनवाई की तारीख तय की थी
कोर्ट ने पिछले महिले मामले में संज्ञान लेने पर बहस के लिए दो अगस्त की तारीख तय की थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत अगली सुनवाई तक बढ़ा दी थी.
पुलिस ने सभी 6 आरोपियों के खिलाफ 1000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था
सात जून को पुलिस ने सभी छह गिरफ्तार व्यक्तियों -मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत के खिलाफ लगभग 1000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था.
क्या है मामला
संसद पर 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी के दिन, पिछले साल 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक की घटना उस वक्त हुई थी, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गये थे और उन्होंने ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था. बाद में सांसदों ने इन्हें पकड़ लिया था. उसी समय, दो अन्य आरोपियों – अमोल शिंदे और नीलम आजाद – ने भी संसद परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए केन से रंगीन धुआं छोड़ा था. इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.