Parliament session updates: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिये गये बयान को लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ. मामले की गूंज मंगलवार को भी संसद में सुनायी दे सकती है. सोमवार को राहुल गांधी के द्वारा दिये गये बयान पर संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ.
कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत संसद सदस्यों को दी गयी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सार, सार और भावना पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. वहीं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने अदाणी के शेयरों के मुद्दे पर नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. इधर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग करते हुए नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
सोमवार को सत्ता पक्ष राहुल गांधी से सदन में आकर माफी मांगने की मांग करता दिखा. लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी, जो इस सदन के सदस्य हैं, ने लंदन में भारत को बदनाम करने की कोशिश की है. राहुल ने भारत की गरिमा और प्रतिष्ठा पर गहरी चोट पहुंचाने की कोशिश है. पूरे सदन को उनके इस व्यवहार की निंदा करनी चाहिए और लोस अध्यक्ष उन्हें यह निर्देश दें कि वे संसद के फोरम पर क्षमा याचना करें.
सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों ने रक्षा मंत्री के मांग की पूरा समर्थन किया. इस दौरान कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे. इस दौरान भाजपा के कई सांसदों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाये. वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के शोर शराबे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी.
वहीं, राज्यसभा में हंगामे के बीच सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे को उठाया और राहुल से सदन में आकर देश से माफी मांगने की मांग की. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
कांग्रेस अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सदन में हमें बोलने नहीं दिया जाता. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, संसद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी, क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि काम हो. कांग्रेस अदाणी मामले में जेपीसी गठित करने, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और कई अन्य विषय उठाती रहेगी.
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लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि सरकार भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रही है.
भाषा इनपुट के साथ