Parliament Winter Session राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. राज्यसभा सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच शीतकालीन सत्र के पहले दिन से चले आ रहे गतिरोध को बातचीत के जरिए दूर करने का आग्रह करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा में एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने एक छोटी सी चर्चा की, जहां मैंने सरकार से निलंबन रद्द करने की मांग की. लेकिन, वे इस बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. 12 सांसदों के अवैध निलंबन के खिलाफ अपील करना विपक्ष का सामूहिक फैसला है. उन्होंने कहा कि सरकार नोटिस में मान रही है कि पिछले सत्र के दौरान हुई घटना पर सांसदों को निलंबित किया गया था. वे चाहते हैं कि निलंबित सदस्य सदन में एक-एक करके माफी मांगें, लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं.
We had a short discussion where I demanded the government to revoke the suspension but they are not ready to talk about it. It is a collective decision of the opposition to make an appeal against the illegal suspension of 12 MPs: Mallikarjun Kharge, LoP in Rajya Sabha pic.twitter.com/ZjfXkjnUnX
— ANI (@ANI) December 17, 2021
इससे पहले शुक्रवार की सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद शून्यकाल आरंभ होने ही वाला था कि नायडू ने कहा कि आज मेरी सदन के नेता और विपक्ष के कुछ वरिष्ठ नेताओं से बात हुई. मैं आप सभी से अपील करना चाहता हूं कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए आपस में सहमति बनाएं, ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके. आप लोग आपस में चर्चा करें, इसके लिए मैं सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक स्थगित करता हूं. सभापति वेंकैया नायडू ने 11 बज कर 20 मिनट पर सदन की बैठक दिन भर के लिए लिए स्थगित कर दी.
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था. इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
वहीं, अब विपक्ष इन सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा है. जबकि, सरकार अड़ी है कि जब तक ये सदस्य माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाएगा. इसी वजह से सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है. इधर, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही सोमवार 20 दिसंबर तक के लिए स्थगित हुई.