PM Modi Donald Trump Meeting: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित हुई. इस महत्वपूर्ण मुलाकात में दोनों नेताओं ने व्यापारिक संबंधों, अवैध प्रवास और वैश्विक शांति सहित कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. बैठक के दौरान ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना ‘दोस्त’ बताया और उनके नेतृत्व की सराहना की. वहीं, पीएम मोदी ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए पुनः चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं. बैठक से पहले, दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने पत्रकारों के विभिन्न सवालों के उत्तर दिए.
भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर पीएम मोदी और ट्रंप की सकारात्मक बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक के दौरान कहा कि भारत की जनता ने उन्हें तीसरी बार सरकार चलाने का जनादेश दिया है और वे उसी ऊर्जा के साथ अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं. ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी को बधाई दी और भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते बनाने की प्रतिबद्धता जताई.
ट्रंप ने बैठक में भारत द्वारा तेल और गैस खरीदने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे. उन्होंने पीएम मोदी के साथ अपनी पुरानी मुलाकातों को भी याद किया और ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम और अहमदाबाद यात्रा का विशेष रूप से उल्लेख किया. ट्रंप ने कहा कि भारत में उन्हें जो स्वागत मिला था, वह अविस्मरणीय था और वह भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं.
व्यापार समझौते पर ट्रंप का बड़ा बयान
बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच शानदार व्यापार समझौते होने वाले हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका भारत को तेल और गैस निर्यात करने को लेकर उत्साहित है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उनका स्वागत पुराने मित्र की तरह किया, जिससे उन्हें ‘नमस्ते ट्रंप’ और ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रमों की याद आ गई.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति स्पष्ट
जब रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार से तटस्थ नहीं है, बल्कि हमेशा शांति की वकालत करता है. पीएम मोदी ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है और समाधान युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता. उन्होंने कहा कि भारत शांति की सभी पहलों का समर्थन करता है और किसी भी संघर्ष को बातचीत के माध्यम से हल करने की आवश्यकता पर बल देता है. साथ ही, उन्होंने ट्रंप की युद्ध को समाप्त करने की पहल का समर्थन किया.
चीन को लेकर ट्रंप का जवाब
बैठक के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि यदि वे भारत के प्रति कड़े फैसले लेते हैं, तो वे चीन को कैसे हरा सकते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका किसी को भी हरा सकता है, लेकिन उनका मकसद केवल प्रतिस्पर्धा करना नहीं, बल्कि अच्छा काम करना है. उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां अमेरिका को आगे ले जाने के लिए थीं, लेकिन उन्हें रोक दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई यह बैठक कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर केंद्रित रही. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई. व्यापारिक समझौते, ऊर्जा सहयोग और वैश्विक शांति को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई. इस बैठक से दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
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