प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले पर झंडा फहराया. इस दौरान उन्होंने कई घोषनाएं की. पीएम मोदी ने पांच प्राण के बारे में बताने के साथ पांच प्रण भी लिये और ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ के बाद ‘जय अनुसंधान’ का नारा भी दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति…मंथन के साथ बनी है, कोटि कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है.” उन्होंने कहा कि इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है, यह ऐसा सामर्थ्य है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि इस मिट्टी में ताकत है, कई चुनौतियों के बावजूद भारत रुका नहीं, झुका नहीं और आगे बढ़ता रहा. मैंने अपना पूरा कार्यकाल समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है. हमारे देश ने यह साबित किया है कि हमने अपनी विविधता से मिल रही ताकत को अंतर्निहित किया है.
पीएम मोदी ने कहा, हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा, मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हम मानवता के पूर्ण विकास के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है. 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए. आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था, जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला.