प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर झूठ एवं अफवाह फैलाने का आरोप लगाया. बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कानून किसी के लिये बंधन नहीं है बल्कि एक विकल्प है, ऐसे में विरोध का कोई कारण नहीं है. प्रधानमंत्री ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील की, आइये, टेबल पर बैठकर चर्चा करें और समाधान निकालें.
किसान आंदोलन पवित्र, आंदोलनजीवी ने इसे किया अपवित्र
भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर से विपक्ष को आंदोलनजीवी बताया. उन्होंने कहा, किसान आंदोलन पवित्र है, लेकिन आंदोलनजीवी ने इसे अपवित्र कर दिया है. मोदी ने कहा, किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है. हमें आंदोलकारियों एवं आंदोलनजीवियों में फर्क करने की जरूरत है.
मोदी ने बताया, जब मांगा नहीं तो क्यों लाया कृषि कानून
लोकसभा में जवाब देते हुए मोदी ने कहा, पहली बार इस सदन में ये नया तर्क आया कि ये हमने मांगा तो दिया क्यों? आपने लेना नहीं हो तो किसी पर कोई दबाव नहीं है. मोदी ने कहा कि इस देश में दहेज के खिलाफ कानून बने, इसकी किसी ने मांग नहीं की, लेकिन प्रगतिशील देश के लिए जरूरी था, इसलिए कानून बना.
मोदी ने कहा कि इस देश के छोटे किसान को कुछ पैसे मिले इसकी किसी भी किसान संगठन ने मांग नहीं की थी. लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनको हमने धन देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि तीन तलाक कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, बाल विवाह रोकने के कानून की किसी ने मांग नहीं की थी, लेकिन समाज के लिए जरूरी था इसलिए कानून बना. प्रधानमंत्री ने कहा, मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है.
गौरतलब है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने चर्चा के दौरान कहा था कि जब किसानों ने इन कानूनों की मांग नहीं की तब इसे क्यों लाया गया. विपक्षी दलों ने सरकार से तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. इस मुद्दे पर पिछले दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमा पर पंजाब, हरियाण, उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों के काफी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों से पीएम मोदी ने पूछा – नये कानून ने आपका क्या हक छीना
प्रधनमंत्री ने कहा, कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या ? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है.
किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं : मोदी
प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, यह किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है. उन्होंने कहा, किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है?
कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ
मोदी ने कहा, कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ. ये सच्चाई है. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है. उन्होंने दोहराया, ये नए कानून किसी के लिए बंधन नहीं हैं, सभी के लिए विकल्प हैं, अगर विकल्प हैं तो विरोध का कारण ही नहीं होता.
पीएम मोदी के जवाब के दौरान लोकसभा में हंगामा, विपक्ष ने कृषि कानून वापस लेने की मांग की
पीएम मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया. पीएम मोदी ने कृषि कानून को लेकर जवाब दे रहे थे, उसी समय विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और काले कानून वापस लो के नारे लगाये. दरअसल पीएम मोदी ने कृषि कानून पर जवाब देते हुए कहा, कानून लागू होने के बाद भी एमएसपी बंद नहीं हुए. पीएम मोदी ने कहा, किसान बतायें कि उनका कौन सा हक छीना गया. इधर पीएम मोदी ने हंगामा कर रहे विपक्ष को भी लताड़ा और कहा, यह हंगामा सोची समझी रणनीति के तहत हो रही है. कृषि कानूनों पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा, जिनको नया कृषि कानून नहीं चाहिए वो पुरानी व्यवस्था ही अपनाएं, किसान अपना फायदा देखें.