पुडुचेरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य पर पुडुचेरी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय युवा महोत्सव को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया भारत को आशा भरी निगाहों से देख रही है कि क्योंकि देश का, जन से मन तक, सामर्थ्य से लेकर सपनों तक और चिंतन से लेकर चेतना तक सब कुछ युवा है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. इसलिए जरूरी है कि यह क्षेत्र दुनिया में उभरती प्रौद्योगिकी का उपयोग करे.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है. आज जो भारत सपने देखता है, जो संकल्प लेता है, उसमें भारत के साथ-साथ विश्व का भी भविष्य दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि भारत के पास दो असीम ताकत हैं, एक डेमोग्राफी और दूसरी डेमोक्रेसी् जिस देश के पास जितनी युवा शक्ति होती है, उसकी क्षमताओं को उतना ही व्यापक माना जाता है् भारत के पास ये दोनों ताकत है. उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया का मंत्र है ‘मुकाबला करो और जीतो.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है, क्योंकि भारत का जन भी युवा है, भारत का मन भी युवा है. भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है. भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है. भारत युवा है क्योंकि भारत ने हमेशा आधुनिकता को स्वीकार किया है और भारत के दर्शन ने परिवर्तन को अंगीकार किया है. भारत वह है जिस की प्राचीनता में भी नवीनता है. उन्होंने कहा कि आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है तो भविष्य की स्पष्टता भी है और इसलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है.
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एमएसएमई सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है. बहुत जरूरी है कि हमारे एमएसएमई उस उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें जो आज दुनिया को बदल रही है. इसलिए देश में आज एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. पुडुचेरी में बना एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र, उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘मेरे सपनों का भारत’ और ‘अनसंग हीरोज़ ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेन्ट’ (भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम महानायक) पर चयनित निबंधों का विमोचन किया. एक लाख से अधिक युवाओं ने इन दो विषयों पर निबंध लिखे थे, जिनमें से कुछ को चुना गया है. उन्होंने सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन किया. इसे लगभग 122 करोड़ रुपये के निवेश से पुडुचेरी में निर्मित किया गया है.