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PM Modi Speech In Lok Sabha: भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की, संविधान के महत्व को कम किया. कांग्रेस इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा हुआ है. 370 के बारे में तो सबको पता है लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है. भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोटने का काम किया. 35-ए को संसद में लाए बिना उन्होंने देश पर थोप दिया. राष्ट्रपति के आदेश पर ये काम किया गया और देश की संसद को अंधेरे में रखा गया.”
नेहरू का अपना संविधान चलता था : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा, “1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था. राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश नहीं था. उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी. उस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, ‘अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए’. 1951 में ये पाप किया गया लेकिन देश चुप नहीं था. उस समय के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें चेताया कि ये गलत हो रहा है, लेकिन पंडित जी का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावकों की सलाह मानी नहीं. ये संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि समय-समय पर वो संविधान का शिकार करती रही.”
पीएम मोदी ने राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए, अध्यादेश फाड़ने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, अहंकार से भरे लोगों ने कैबिनेट का फैसला फाड़ा था. राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, एक अहंकारी व्यक्ति ने अध्यादेश फाड़ा था. कांग्रेस ने हर मौके पर संविधान की मूल भावना को चोट पहुंचाई. संविधान से खिलवाड़ करना इनकी आदत है.
राजीव गांधी ने वोट बैंक के लिए संविधान की भावना की बलि चढ़ा दी : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी पर हमला करते हुए कहा, “यह परंपरा यहां नहीं रुकी जो परंपरा नेहरू जी ने शुरू की थी, जिसे इंदिरा जी ने आगे बढ़ाया. राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने उन्होंने संविधान को एक और झटका दिया. सबको समानता, सबको न्याय इस भाव को चोट पहुंचाई. सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो का फैसला सुनाया था, लेकिन उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की भावना को नकार दिया. उन्होंने वोट बैंक की खातिर संविधान की भावना की बलि चढ़ा दी और कट्टरपंथियों के सामने सर झुकाने का काम किया.”
अटल जी ने सौदेबाजी का नहीं, संविधान का रास्ता चुना : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारे लिए संविधान की शुचिता सर्वोपरि है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा करते हुए कहा, अटज जी ने संविधान का रास्ता चुना था. उन्होंने 13 दिनों की सरकार से इस्तीफा दिया था. अटल जी ने सौदेबाजी नहीं, संविधान का रास्ता चुना था. चाहते तो पद बांटकर सरकार बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने एक वोट से हारना पंसद किया. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, कांग्रेस ने लोकतंत्र की भावना को बाजार बनाया. कांग्रेस के समय में कैश फॉर वोट कांड से वोट खरीदे गए.
पीएम मोदी बोले- आपातकाल में देश को बनाया जेलखाना, कांग्रेस के माथे का पाप कभी धूलने वाला नहीं
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था उसी समय हमारे संविधान को नोच दिया गया, आपातकाल लाया गया. संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, देश को जेल खाना बना दिया गया, नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताला लगा दिया गया, कांग्रेस के माथे पर यह जो पाप है वह धूलने वाला नहीं है.”
कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा, कांग्रेस के एक परिवार ने 55 साल राज किए. हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी. इस परिवार के कुविचार, कुनीति लगातार चल रही है. कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाई. पीएम मोदी ने आगे कहा, कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया.
6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया. जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी. 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया था, 1971 में संविधान संशोधन किया गया था. उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.”
हम लोकतंत्र की जननी हैं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत का लोकतंत्र समृद्ध रहा है. हम लोकतंत्र की जननी है. लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संविधान निर्माता जागरूक थे. वे यह नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था, कि भारत में लोकतंत्र 1950 में शुरू हुआ था. वे यहां की महान परंपरा और संस्कृति में विश्वास करते थे, वे महान विरासत में विश्वास करते थे, हजारों वर्षों की यात्रा में – वे जागरूक थे.” पीएम मोदी ने कहा, भारत का लोकतंत्र भारत का गणतांत्रिक अतीत बहुत समृद्ध और विश्व के लिए प्रेरक रहा है. तभी तो भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है.
75 वर्ष पूरे होने पर ये उत्सव का क्षण
“हम सभी के लिए, सभी देशवासियों के लिए, दुनिया के लोकतंत्र पसंद नागरिकों के लिए ये बहुत गर्व का पल है. लोकतंत्र के पर्व को बड़े गौरव के साथ मनाने का अवसर है. संविधान के 75 वर्ष की यात्रा एक अविस्मरणीय यात्रा है और दुनिया के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की इस यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. 75 वर्ष पूरे होने पर ये उत्सव का क्षण है.”
वन नेशन वन ग्रिड पर क्या बोले पीएम मोदी
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन ग्रिड पर कहा, “कई बार ऐसा हुआ है कि देश के एक हिस्से में बिजली होती थी लेकिन उसे आपूर्ति नहीं होती थी. इसलिए, दूसरे हिस्से में अंधेरा रहता था. पिछली सरकार के दौरान हमने देखा कि सुर्खियों के जरिए दुनिया के सामने भारत को बदनाम किया जा रहा था. हमने वो दिन भी देखे हैं. इसीलिए, एकता के मंत्र के साथ और संविधान की भावना को कायम रखते हुए हमने वन नेशन वन ग्रिड को पूरा किया. इसीलिए, आज भारत के सभी कोनों में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है.”