PM Modi In Lakshdweep: लक्षद्वीप के अपने दौरे में मोदी 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एक परिवर्तनकारी कदम के तहत, प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप आइलैंड्स सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई-एसओएफसी) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करने का संकल्प लिया था और अगस्त 2020 में लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस पर एक घोषणा की थी.
#WATCH | Lakshadweep: Prime Minister Narendra Modi arrives in Kavaratti to inaugurate and lay the foundation of several development projects. pic.twitter.com/b89MVBJZWP
— ANI (@ANI) January 3, 2024
बयान में कहा गया है कि यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन मोदी करेंगे. बयान में कहा गया है कि इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से अधिक (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) बढ़ जाएगी. पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ा जाएगा. बयान के अनुसार, मोदी कदमत में ‘लो टेमरेचर थर्मल डिसेलिनेशन संयंत्र भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो हर दिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करेगा. वह अगाती और मिनिकॉय द्वीपों के सभी घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
बयान के अनुसार, अन्य परियोजनाओं में कवारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र भी शामिल हैं, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है. इसके साथ ही कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण के लिए आधारशिला रखना, पांच द्वीपों- एंड्रोथ, चेटलाट, कदमत, अगाती और मिनिकॉय में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) का निर्माण शामिल हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार के पिछले 10 वर्षों में लक्षद्वीप द्वीप समूह में कई विकास परियोजनाएं पूरी हुई हैं और केंद्र द्वीपों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है.
Also Read: PM Modi South Visit: नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन, तमिलनाडु को पीएम मोदी ने दी 20 हजार करोड़ की सौगातपीएम मोदी ने यहां अगाती हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद एक जनसभा को संबोधित किया. मोदी ने अपने संबोधन के दौरान, लक्षद्वीप में मौजूद अपार संभावनाओं का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि आजादी के बाद कई वर्षों तक द्वीपों को उपेक्षा का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश कई संभावनाओं से भरा है, लेकिन आजादी के बाद लंबे समय तक लक्षद्वीप के बुनियादी ढांचे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.”
उन्होंने जहाजरानी को द्वीपों की जीवन रेखा होने की ओर ध्यान दिलाते हुए कमजोर बंदरगाह बुनियादी ढांचे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह बात शिक्षा, स्वास्थ्य और यहां तक कि पेट्रोल-डीजल पर भी लागू होती है. मोदी ने कहा, ‘‘भले ही शिपिंग द्वीपसमूह की जीवन रेखा है, लेकिन बंदरगाह का बुनियादी ढांचा कमजोर है. चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, या यहां तक कि पेट्रोल और डीजल हो, हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इन सभी चुनौतियों का समाधान हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने अब लक्षद्वीप को विकसित करने का बीड़ा गंभीरता से उठाया है. उन्होंने अगाती में हाल में शुरू किए गए बर्फ संयंत्र के बारे में सकारात्मक उम्मीद जतायी और इस बात पर जोर दिया कि यह द्वीप पर समु्द्री भोजन का प्रसंस्करण की संभावनाओं को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा.