कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम मोदी हेडलाइनजीवी हैं. उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया, जिसके खिलाफ किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे थे.
काश कि आठ नवंबर 2016 को किये गये नोटबंदी के फैसले को भी हेडलाइनजीवी वापस करते. उस फैसले का परिणाम लोग आज भी भुगत रहे हैं. गौरतलब है कि किसान आंदोलन में जब राजनीतिक दलों की दखल बढ़ी थी तो पीएम मोदी ने उन्हों आंदोलनजीवी कहा था.
Alas, if only there was a way of repealing the Nov 8 2016 decision by Headlinejeevi. This was really a demon-ic move, for which the country is still paying. https://t.co/zTNTalJvEu
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 19, 2021
पीएम मोदी ने कहा था कि हाल के दिनों में लोगों का एक नया वर्ग उभरा है जो सभी आंदोलनों और विरोधों में देखा जा सकता है. ये आंदोलनजीवी हैं. ये आंदोलनजीवी वास्तव में परजीवी हैं जो आंदोलन पर दावत दे रहे हैं और विरोध कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रहे हैं. संसद के शीतकालीन सत्र में इस कानून को रद्द करने की प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि कृषि बिल किसानों को सशक्त करने के लिए लाया गया था, लेकिन अफसोस यह है कि हम कुछ किसानों को इस कानून के फायदे के बारे में समझा नहीं पाये.
पीएम मोदी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे प्रदर्शन छोड़कर खेतों में लौट जायें. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जबतक संसद तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं देगी वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
Posted By : Rajneesh Anand