PM Narendra Modi,Mann Ki Baat,India china tension, coronavirus lockdown: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को सुबह 11 बजे रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित करेंगे. ‘मन की बात’ का यह 66वां एपिसोड होगा. माना जा रहा है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच पीएम मोदी आज चीन से जारी तनाव पर चर्चा कर सकते हैं. आकाशवाणी से मन की बात के प्रसारण के तुरंत बाद इस कार्यक्रम का क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण किया जाएगा, जिसे रात 8 बजे फिर से सुना जा सकता है.
पीएम मोदी के आज के कार्यक्रम पर सभी की नजरें लगी हुई हैं. दरअसल चीन और भारत के बीच चल रही तनानती से देश में ड्रैगन के खिलाफ विरोध तेज हो चला है. पीएम मोदी के इस संबोधन से लोगों को उम्मीद है कि वह एलएसी पर चल रही टेंशन का भी जिक्र अपने कार्यक्रम में कर सकते हैं. इसके अलावा पीएम कोरोना वायरस को लेकर चल रही तैयारियों का भी जिक्र अपने संबोधन में कर सकते हैं.
Tune in tomorrow at 11 AM! #MannKiBaat pic.twitter.com/18L6NQo6sS
— Narendra Modi (@narendramodi) June 27, 2020
इससे पहले 14 जून को पीएम मोदी ने देशवासियों से ‘मन की बात’ के लिए सुझाव मांगे थे. उन्होंने लिखा था, ‘इस महीने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण 28 जून को होगा. चूंकि अभी इसमें दो हफ्ते बाकी हैं इसलिए अपने सुझाव दें. इसके जरिए मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों के विचारों को जान सकूंगा और टेलीफोन कॉल के जरिए उनसे जुड़ सकूंगा. मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आपके पास कोविड-19 से लड़ाई और कई दूसरें मुद्दों पर कहने के लिए बहुत कुछ होगा.
गौरतलब है कि पिछले दो मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी देशवासियों से कोरोना संक्रमण पर संवाद कर चुके हैं. 31 मई को हुए मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने और एहतियात बरतने को कहा था. पीएम ने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और नियमित हाथ धोने की अपील की थी.
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने लोगों से बात करने के लिए रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी. पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चाय पर चर्चा कार्यक्रम के जरिए देश का माहौल बीजेपीमय किया था. इसी का नतीजा था कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.
Posted BY: Utpal kant