नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात करेंगे. इटली में G-20 शिखर सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे. विदेश सचिव हर्ष वी शृंगला ने गुरुवार (28 अक्टूबर) को यह जानकारी दी. उन्होंने मीडिया को बताया कि पोप के साथ पीएम की मुलाकात होगी. हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि बैठक वन टू वन होगी या डेलीगेशन लेवल की मीटिंग होगी.
श्री शृंगला ने कहा कि आमतौर पर ऐसी बैठकों में डेलीगेशन के कुछ सदस्य भी शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक इटली की राजधानी रोम में रहेंगे. इटली के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर पीएम मोदी रोम जा रहे हैं. इस दौरान वह रोम में G-20 देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी आठवीं बार जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं. पिछले साल सऊदी अरब ने जी20 देशों के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था. कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से तब सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समिट में शामिल हुए थे.
हर्ष शृंगला ने कहा कि इटली ने जो मुद्दे तय किये हैं, भारत उनका समर्थन करता है. कहा कि इटली ने वैश्विक महामारी कोरोना से निबटने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जोर दिया है. साथ ही इटली का फोकस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, जलवायु परिवर्तन से निबटने, ऊर्जा के नवीकरण, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर है.
Today, G20 represents 80% of world's GDP, 75% of global trade and 60% of world's population. Thus, it is fitting to say that over time G20 has emerged as not only the premier global forum for international cooperations…: Harsh Shringla, Foreign Secretary pic.twitter.com/YhhzpgbOsh
— ANI (@ANI) October 28, 2021
इटली की यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को 18वें भारत-आशियान शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. सम्मेलन में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें दक्षिण चीन सागर और आतंकवाद का मुद्दा शामिल था. श्री शृंगला ने कहा कि सम्मेलन में शामिल सभी देशों के नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में शांति, स्थायित्व, सुरक्षा पर जोर दिया और कहा कि क्षेत्र में नौवहन और हवाई यात्रा व्यवधानरहित होनी चाहिए.
श्री शृंगला ने कहा कि विश्व की 80 फीसदी जीडीपी में जी20 देशों का योगदान है, जबकि 75 फीसदी वैश्विक व्यापार इन देशों पर निर्भर है. दुनिया की 60 फीसदी आबादी जी 20 देशों में रहती है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग में जी 20 ने अहम भूमिका निभायी है. इतना ही नहीं, यह विचारों के आदान-प्रदान, नवाचार और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा का अहम प्लेटफॉर्म बन गया है.
Posted By: Mithilesh Jha