Narendra Modi Blog: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्हें एक महान वैश्विक राजनेता, भारत-जापान मित्रता का एक महान पैरोकार और एक प्रिय एवं घनिष्ठ मित्र बताया, जिनके मार्गदर्शन ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें आर्थिक प्रगति के लिए प्रेरित किया.
मोदी ने जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले आबे पर अपने ब्लॉग में लिखा, ‘हम भारत में उनके निधन पर शोक जता रहे हैं. उन्होंने हमें खुले दिल से गले लगाया था. वह हमेशा लोगों को प्रेरित करते थे. उनका जीवन भले ही दुखद रूप से छोटा हो गया हो, लेकिन उनकी विरासत हमेशा के लिए कायम रहेगी.’
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उन्होंने कहा, ‘शिंजो आबे जापान के एक उत्कृष्ट नेता, एक वैश्विक राजनेता और भारत-जापान मित्रता के एक महान पैरोकार अब हमारे बीच नहीं हैं. जापान और दुनिया ने एक महान दूरदर्शी और, मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है.’ जापान के पश्चिमी हिस्से नारा में आबे (67) को एक हमलावर ने चुनावी कार्यक्रम के दौरान गोली दी और उन्हें विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने घटनास्थल से संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के लिए आबे के सबसे महान उपहारों और उनकी सबसे स्थायी विरासत में से एक, जिसके लिए दुनिया हमेशा उनकी ऋणी रहेगी, वह है चुनौतियों को पहचानने की उनकी दूरदर्शिता और इसका सामना करने के लिए उनका जबरदस्त नेतृत्व. उन्होंने कहा कि आबे हमेशा नये विचारों को सामने रखते थे और अर्थव्यवस्था, संस्कृति, विदेश नीति और विभिन्न अन्य विषयों को लेकर उनके पास अमूल्य अंतर्दृष्टि थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी में अभूतपूर्व बदलाव लाने के लिए आबे के साथ काम करना प्रधानमंत्री के रूप में उनका सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सीमित, द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को जापानी नेता ने व्यापक बनाने में मदद की.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनके लिए, यह हमारे दोनों देशों और दुनिया के लोगों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण संबंधों में से एक था. वह भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने और भारत में ‘हाई स्पीड रेल’ के लिए सबसे उदार शर्तों की पेशकश करने के लिए दृढ़ थे.’
भारत-जापान संबंधों में उनके योगदान के लिए वर्ष 2021 में आबे को प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. मोदी ने कहा कि आबे के पास विकल्पों को तराशने और साहसिक निर्णय लेने की क्षमता थी. उन्होंने कहा कि वह हमेशा उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमत्ता, उदारता, दोस्ती और मार्गदर्शन के लिए ऋणी रहेंगे और उन्हें बहुत याद करेंगे.
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अपने करीबी निजी संबंधों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह उनसे पहली बार वर्ष 2007 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में जापान यात्रा के दौरान मिले थे. उन्होंने कहा कि पहली मुलाकात से ही उनकी दोस्ती गहराती गयी और वह आधिकारिक प्रोटोकॉल से कहीं आगे निकल गयी थी.
उन्होंने इसमें आबे के साथ बिताये उन खास लम्हों का जिक्र किया, जिनमें मंदिर, रेल और काशी यात्रा से लेकर चाय की चुस्कियां लेना शामिल था. मोदी ने कहा, ‘क्योटो में तोजी मंदिर में हमारा दौरा, शिनकांसेन में रेल यात्रा, गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की यात्रा, काशी में गंगा आरती और तोक्यो में शानदार चाय वाला समारोह. इन शानदार लम्हों की लंबी फेहरिस्त है.’ उन्होंने अपने ब्लॉग में इन घटनाक्रम से जुड़ी कुछ यादगार तस्वीरें भी साझा कीं.
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मोदी ने कहा, ‘2007 और 2012 के बीच और 2020 में जब वह जापान के प्रधानमंत्री नहीं थे, तब भी हमारे संबंध मधुर और मजबूत रहे.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं भारत के लोगों और अपनी ओर से जापान के लोगों, विशेष रूप से श्रीमती अकी आबे और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति.’