श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के जैनापोरा शोपियां में 4 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल A+ श्रेणी के आतंकवादी को सुरक्षा बलों के जवानों ने मार गिराया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मारा गया आतंकवादी फिरोज अहमद डार कई आतंकवादी हमलों में शामिल था.
पुलिस ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने संयुक्त कार्रवाई में इस आतंकवादी को मार गिराया है. गृह मंत्रालय ने इसे A+ श्रेणी के आतंकवादियों की सूची में रखा था. पुलिस ने बताया कि वर्ष 2018 में माइनॉरिटी गार्ड पर जैनापोरा शोपियां में हमला हुआ था. उसमें 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे.
इस हमले को अंजाम देने वालों में फिरोज अहमद डार भी शामिल था. पुलिस ने बताया है कि फिरोज अहमद डार शोपियां के हेफ-श्रीमाल का रहने वाला है. उसके पास से आपत्तिजनक सामग्रियां, हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं. एक एके राइफल और तीन मैगजीन भी उसके पास से बरामद हुई है.
पुलिस ने फिरोज अहमद डार के खिलाफ कानून की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस बीच, सरकार का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आयी है. संसद में एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी है.
The numbers of civilian killings in Jammu & Kashmir have remained in the range of 37-40 every year during the last five years – 2017 to 2021 (till November 30, 2021): MoS Home Nityanand Rai to Rajya Sabha pic.twitter.com/y3yPaQyH6W
— ANI (@ANI) December 15, 2021
श्री राय ने राज्यसभा को वर्ष 2018 से 2021 के बीच हुई घटनाओं का ब्योरा भी दिया है. इसमें बताया गया है कि वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा 417 आतंकवादी घटनाएं हुईं थीं, जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या 255 रह गयी. वर्ष 2020 में आतंकवाद से जुड़ी 244 घटनाएं जम्मू-कश्मीर में हुईं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जो लिखित जवाब दिया है, उसमें बताया कि वर्ष 2021 मे मात्र 203 आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं. उन्होंने बताया है कि ये आंकड़े 30 नवंबर 2021 तक के ही हैं. राज्यसभा के सदस्य वाइको ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संबंध में जानकारी मांगी थी.
श्री राय ने राज्यसभा को यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में आम लोगों के मारे जाने की घटनाओं में वृद्धि नहीं हुई है. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच हर साल 37 से 40 लोगों की हत्या हुई है. ज्ञात हो कि अनुच्छेद 370 को खत्म किये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर आतंकवादी हमले बढ़ गये हैं.
Posted By: Mithilesh Jha