महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी को लेकर एक तरफ निजी अस्पतालों में 12 अप्रैल तक वैक्सीनेशन के लिए रोक लगा दी गयी है दूसरी तरफ सत्ता में काबिज शिवेसना ने अपने मुखपत्र सामना में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
महाराष्ट्र समेत कई राज्य पहले ही वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख चुके हैं. केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संकेत देने की कोशिश की है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है राज्य अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए कम वैक्सीन को कारण बता रहे हैं.
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राज्य और केंद्र के बीच वैक्सीन को लेकर बढ़ रही राजनीति के बीच आज शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है इस लेख में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार उन राज्यों पर ज्यादा फोकस कर रही है जहां भाजपा की सरकार है.
इस लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है, पीए मोदी के उस बयान परकटाक्ष किया गया है जिसमें उन्होंने कोरोना उत्सव मनाने का संदेश दिया था. सामना में लिखा है, हमारे बीच राजनीतिक झगड़े हैं लेकिन इस झगड़े में आम लोगों की बली चढ़ायी जा रही है जो गलत है. दिल्ली में वैक्सीन को लेकर चल रही राजनीति की तुलना औरंगजेब के शासन से की है.
सामना के लेख में कहा गया है, वैक्सीन ना देना महाराष्ट्र को प्रताड़ित करने की साजिश है. अगर केंद्र यह सोचती है कि महाराष्ट्र बेकार और कायरों की औलाद है तो उसे यह भ्रम है. महाराष्ट्र के लोगों से केंद्र को सीधे लड़ने की हिम्मत नहीं है इसलिए वो ऐसा छल कर रहा है
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महाराष्ट्र के साथ जो छल हो रहा है वह शिवकाल में हुआ होता तो शिवाजी महाराष्ट्र की जनता को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली कूच कर जाते . प्रधानमंत्री ने वैक्सीन उत्सव मनाने का ऐलान कर दिया . महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के दिल्ली जाकर कोरोना वैक्सीन लेकर आना चाहिए.