चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर देश की राजनीतिक परिस्थिति को जानने और समझने वाले माने जाते हैं. उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और बीजेपी विरोधी पार्टियों को नसीहत देते हुए आंकड़े के साथ साफ-साफ आईना दिखा दिया है. पीके ने कहा है कि कांग्रेसी इसे 2024 लोकसभा चुनाव की जीत न समझें. इसके पहले भी ऐसा हुआ है लेकिन उसके बाद का इतिहास क्या रहा ये भी देखने की चीज है.
प्रशांत किशोर ने न्यूज 18 से खास बातचीत की. इस दौरान पीके ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद देश की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है इस पर जो जवाब दिया वो कांग्रेस सहित उन तमाम विरोधी दलों के लिए झटका हो सकता है जो ये मान रहे हैं कि 2024 में बीजेपी को शिकस्त दिया जा सकता है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में जीतकर जरूर आई है इसके लिए उन्हें बधाई लेकिन वो इसे 2024 के लोकसभा की जीत न समझें.
उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम आया था तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम 2024 के आम चुनाव के लिए संकेत देता है. मैंने उस समय ट्वीट करके कहा था कि हर चुनाव एक अलग चुनाव है. उत्तर प्रदेश के चुनाव से देश के चुनाव का फैसला नहीं हो सकता है. प्रशांत किशोर कहते हैं कि आपको याद होगा कि साल 2012 में यूपी में समाजवादी पार्टी जीतकर आई थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश के लोगों ने 80 में 73 लोकसभा की सीटों पर जीत दिलाई.
पिछले चुनावों का हवाला देते हुए पीके ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस जीतकर आई. उसके एक साल बाद ही 2014 के आम चुनाव में बीजेपी सबसे अधिक लोकसभा की सीटें जीतकर आई. आपको याद होगा कि 2018 में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीतकर आई, लेकिन 2019 के लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही बुरा रहा, इसलिए मैं कांग्रेस या अन्य पार्टियों को भी बता रहा हूं कि देश में हर चुनाव एक अलग चुनाव होता.
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