President Election Result 2022 : देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने जा रहा है. इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है और आज मतगणना होगी. इसका मतलब है कि आज देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में राष्ट्रपति के लिए चुनाव कैसे कराया जाता है. आज हम आपको इसकी पूरी प्रक्रिया बताते हैं….
भारत में होने वाला राष्ट्रपति का चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले कुछ अलग है. यह चुनाव कई मायनों में जटिल भी है. देश में 15वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में सीधे जनता की भागीदारी नहीं होती है. इस चुनाव में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले यानी सांसद और विधायक राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं. हालांकि जो सांसद या विधायक नॉमिनेटेड होते हैं, वे इस चुनाव में भाग लेने के योग्य नहीं माने जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वे नॉमिनेटेड होते हैं. ये सीधे तौर पर जनता द्वारा नहीं चुने जाते.
संविधान के अनुच्छेद 54 पर नजर डालें तो भारत में राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया की बात कही गयी है. भारत में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज का गठन किया जाता है. इस प्रकिया के तहत संसद के दोनों सदनों के चुने हुए सदस्यों और राज्यों के विधानसभा में चुने गये सदस्य को मताधिकार दिया गया है. यही वजह है कि इसे इनडायरेक्ट इलेक्शन भी कहा जाता है. इलेक्टोरल कॉलेज की बात करें तो इसमें संसद के 776 सदस्य और 4,809 विधानसभा के सदस्य शामिल किये जाते हैं. कॉलेज में कुल 10,86,431 मत होते हैं. प्रत्येक वोट की अपनी एक कीमत होती है. हर संसद के सदस्य के वोट की कीमत 700 होती है जो राज्य की जनसंख्या के अनुसार तय की जाती है.
राष्ट्रपति के चुनाव में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया है. वोटर एक ही वोट देने का हकदार होता है. वह सभी उम्मीदवारों में से अपनी प्रायॉरिटी तय कर देता है. इसका मतलब यह है कि वह बैलट पेपर पर बता देता है कि उसकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन….बैलेट पेपर की बात करें तो इसमें कोई इलेक्शन चिन्ह मौजूद नहीं होता है. पेपर पर दो कॉलम दिये गये होते हैं. पहले कॉलम की बात करें तो इसमें कैंडिडेट का नाम लिखा होता है जबकि दूसरे कॉलम में प्रिफरेंस ऑर्डर लिखा होता है.
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 पर नजर डालें तो इसमें राष्ट्रपति के चुनाव में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की योग्यता के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. योग्यता के अनुसार उम्मीदवार को भारत का एक नागरिक होना चाहिए जिसकी न्यूनतम उम्र 35 वर्ष होनी चाहिए. यही नहीं राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवार के लिए यह जरूरी है कि वह किसी लाभ के पद पर आसीन ना हो. यदि ऐसा पाया जाता है तो उसे डिसक्वालीफाई कर दिया जाएगा.
आइए अब अंत में आपको बताते हैं कैसे चुन लिया जाता है अगला राष्ट्रपति, राष्ट्रपति के चुनाव में सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता नहीं घोषित किया जाता. इसका तरीका अलग है. भारत में राष्ट्रपति के पद पर वहीं काबिज होता है, जब सांसदों और विधायकों के वोट के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा उसके खाते में आता है. इस चुनाव में पहले से ही यह तय होता है कि जीतने के लिए कितने वोटों की जरूरत उम्मीदवार को होगी. इस बार इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों के वोटों की बात करें तो कुल वेटेज 10,98,882 है यानी जीतने के लिए उम्मीदवार को 5,49,442 वोट लाने ही होंगे. जो उम्मीदवार यानी द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा सबसे पहले वोट की इस संख्या को प्राप्त कर लेगा वहीं देश का पहला नागरिक यानी राष्ट्रपति बनेगा.