कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद से जुड़ी एक खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए फर्जी बताया है. प्रियंका ने इसके साथ ही उस खबर का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से दिल्ली के लुटियंस स्थित घर में कुछ और दिन रहने देने के लिए अनुरोध किया था.
प्रियंका ने जिस लिंक को शेयर किया है उसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ने प्रियंका गांधी के उस अनुरोध को मान लिया है जिसमें उन्होंने दिल्ली के लुटियंस स्थित घर में कुछ और दिन रहने देने के लिए किया था. हाल ही में प्रियंका गांधी से सरकार ने सरकारी घर खाली करने के लिए कहा था. प्रियंका की जेड प्लस सिक्यॉरिटी वापस ले ली गई थी, जिसके बाद उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करना था.
प्रियंका गांधी ने खुद से जुड़ी खबर के लिंक को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, यह फर्जी खबर है. मैंने सरकार से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है. मुझे एक जुलाई को यह घर खाली करने के लिए चिट्ठी मिली थी और 35 लोधी रोड स्थित इस सरकारी घर को एक अगस्त को खाली कर दूंगी. मंत्रालय ने गत एक जुलाई को प्रियंका गांधी के बंगले का आवंटन रद्द करते हुए कहा था कि वह एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद आवासीय सुविधा पाने की हकदार नहीं हैं.
बता दें प्रियंका के बाद यह बंगला भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को आवंटित किया है.यह बंगला प्रियंका गांधी को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी.
Also Read: Rajasthan politics LIVE: थोड़ी देर में विधायक दल की बैठक, कांग्रेस कर रही पायलट का इंतजारमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव और पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का स्थायी पता अब 23/2 गोखले मार्ग, लखनऊ होगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय शीला कौल की इस कोठी को सजाया-संवारा जा रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह प्रियंका से दिल्ली का सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस देने वाली भाजपा सरकार को माकूल जवाब भी है. हालांकि, लखनऊ आने पर प्रियंका पहले भी इस आवास का ठहरने के लिए इस्तेमाल करती रही हैं. कुछ लोगों का ये भी मानना है कि लोकसभा चुनाव के वक्त ही प्रियंका ने यह निर्णय ले लिया गया था कि ज्यादा वक्त लखनऊ और यूपी को देना है. इसलिए इसे प्रियंका को दिल्ली में सरकारी आवास खाली करने के नोटिस से जोड़कर देखना उचित नहीं है.
Posted By: Utpal kant