केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एजेंसी का एक दल मणिपुर में छह जुलाई को लापता हुए दो छात्रों के ‘‘अपहरण और हत्या’’ मामले की जांच करने के लिए बुधवार को एक विशेष विमान से इंफाल पहुंचेगा.
मणिपुर सरकार द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के कुछ ही घंटों के भीतर यह निर्णय लिया गया. सूत्रों ने बताया कि भटनागर के साथ संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय भी जांच में सहयोग करेंगे जो इंफाल में रुके हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जांच दल में वे अधिकारी शामिल होंगे जिन्हें विशेष अपराध, अपराध दृश्य का नाट्य रूपांतरण, पूछताछ और तकनीकी निगरानी में विशेषज्ञता हासिल है. इसमें सीबीआई के केंद्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (सेंट्रल फॉरेन्सिक साइंस लेबोरेटॅरी) के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
दोनों लापता छात्रों के शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद राज्य में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ये तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर आयी थीं. अधिकारियों ने बताया कि जुलाई में कथित तौर पर अगवा किए गए दो युवकों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने मंगलवार को इंफाल घाटी में आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया जिसमें 45 छात्र घायल हो गए. घायलों में कई लड़कियां भी शामिल हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लापता विद्यार्थियों की दुखद मौत के बारे में जो निराशाजनक खबर आई, उसके संदर्भ में, मैं राज्य के लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि राज्य एवं केंद्र सरकार अपराधियों की धरपकड़ के लिए मिलकर काम कर रही हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस अहम जांच को आगे ले जाने के लिए सीबीआई के निदेशक विशेषज्ञ टीम के साथ विशेष उड़ान से इंफाल आएंगे. उनकी उपस्थिति इस मामले को त्वरित रूप से सुलझाने की हमारे प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.’’ सिंह ने कहा कि वह हत्या के दोषियों को पकड़ने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निरंतर संपर्क में हैं.
दो छात्रों-फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिंथोइंगांबी (17) के शव की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर आई थीं. ये दोनों जुलाई से लापता थे. दो तस्वीरों में से एक में ये दोनों विद्यार्थी कथित रूप से दो हथियारबंद लोगों के साथ नजर आ रहे हैं. दूसरी तस्वीर उन दोनों के शव की है.
पुलिस ने पहले कहा था कि यह पता नहीं है कि ये दोनों कहां हैं और दोनों के मोबाइल बंद पाए गए हैं. पुलिस ने कहा कि उनके मोबाइल की आखिरी लोकेशन चुराचांदपुर जिले के शीतकालीन पुष्प पर्यटन स्थल के समीप लामदान में मिली है.
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की घटनाओं में अब तक 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.