Pune Car Accident Case: पुणे कार दुर्घटना मामले में पुलिस ने ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को रक्त के नमूने में हेरफेर के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की ओर से यह जानकारी दी गई है. आपको बता दें कि 19 मई की सुबह तेज रफ्तार पोर्श कार की चपेट में आने से दो इंजीनियर की जान चली गई थी. कार को कथित तौर पर एक नाबालिग चला रहा था. पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि जब यह हादसा हुआ उस समय किशोर शराब के नशे में था.
पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि ससून अस्पताल के डॉ. तावरे और डॉ. हालनोर के निर्देश पर किशोर के रक्त के नमूने बदले गए. चूंकि किशोर के रक्त के नमूने बदले गए थे, ससून अस्पताल की जांच रिपोर्ट में शराब के बारे में कोई जिक्र नहीं मिला.
आरोपी किशोर को दुर्घटना के बाद शुरू में किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी, साथ ही उसे सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा था, लेकिन बढ़ते जनाक्रोश और पुलिस द्वारा समीक्षा याचिका दायर करने के बाद आरोपी को 5 जून तक के लिए एक सुधार गृह में भेज दिया गया था.
आरोपी के दादा को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया
महाराष्ट्र में पुणे की एक कोर्ट ने पोर्श कार दुर्घटना मामले में शामिल किशोर के दादा को पिछले दिनों 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया कि पॉर्श दुर्घटना मामले में शामिल किशोर के दादा के घर से एक सीसीटीवी कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) बरामद किया गया है. शुरुआती जांच से फुटेज के साथ छेड़छाड़ का भी पता चला है.
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आरोपी के दादा को 19 मई की दुर्घटना के बाद पारिवारिक ड्राइवर को बंधक बनाने के आरोप के लिए गिरफ्तार किया था और एक अवकाशकालीन अदालत के समक्ष पेश किया गया था. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने आरोपी किशोर के पिता समेत मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है.