Punjab Government Big Decision कोरोना की तीसरे लहर के संभावित खतरे के बीच कोविड टीकाकरण को लेकर पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पंजाब में 15 सितंबर तक कोविड वैक्सीन की खुराक नहीं लगवाने वाले सरकारी कर्मियों को जबरन अवकाश पर भेजा जाएगा. हालांकि, इसमें उन कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, जिनको मेडिकल कारणों से टीका नहीं लग पाया है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह फैसला राज्यस्तरीय वर्चुअल कोविड समीक्षा बैठक में लिया.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए सरकार की तरफ से विशेष प्रयास किए गए. हालांकि, इससे बावजूद कुछ लोग कोविड वैक्सीन की डोज लेने से बचने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों को टीका न लगाए जाने तक फोर्स लीव पर भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ने साथ ही आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर राज्य में मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 30 सितंबर तक बढ़ाने का भी आदेश दिया. सीएम ने त्योहारों के सीजन में सभी राजनीतिक दलों से उदाहरण पेश करने का आग्रह किया.
साथ ही कहा गया है कि शिक्षण और गैर-शिक्षण स्कूल के कर्मचारी जिन्होंने चार सप्ताह पहले कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक ली थी, उन्हें अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाएगी. क्योंकि, वे हर हफ्ते नकारात्मक आरटीपीसीआर परीक्षण रिपोर्ट जमा करते हैं. नवीनतम निर्णय के अनुसार, सह-रुग्णता (Co-Morbidities) वाले स्कूल के कर्मचारियों को पूरी तरह से टीकाकरण के बाद ही अनुमति दी जाएगी.
बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि वर्तमान में केवल पूरी तरह से टीकाकरण वाले स्टाफ सदस्यों को ही आने की अनुमति है. स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने स्कूल स्टाफ के लिए दूसरी खुराक के अंतराल को घटाकर 28 दिन करने का सुझाव दिया, लेकिन मुख्य सचिव विनी महाजन ने बैठक में बताया कि केंद्र ने राज्य के अनुरोध को खारिज कर दिया है.
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