चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में आपसी खींचतान और सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद अब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ ठन गई है. सीएम चन्नी ने सिद्धू की 13 सूत्रीय एजेंडे को मानने से इनकार कर दिया है. यहां तक कि सीएम चन्नी ने प्रदेश कांग्रेस की एक अहम बैठक में इस्तीफा देने तक की बात कह दी.
मीडिया की खबरों के अनुसार, बीते रविवार को पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 4 पन्नों की चिट्ठी लिखकर 13 सूत्रीय एजेंडा सुझाते हुए इसे पूरा करने की मांग की थी. उनकी इस चिट्ठी को लेकर रविवार को ही पंजाब में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें चन्नी और सिद्धू के बीच बहस हो गई.
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, बीते रविवार को चंडीगढ़ स्थित गवर्नर हाउस के गेस्ट हाउस में आयोजित एक बैठक में सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच गरमागरम नोंकझोंक हो गई. इस दौरान पंजाब में पार्टी के प्रभारी हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह भी उपस्थित थे. सूत्रों ने बताया इस बैठक में सिद्धू ने अपने 13 सूत्रीय एजेंडे को उठाया. उनकी इस मांग पर सीएम चन्नी चिढ़ गए और उन्होंने इस्तीफा देने तक की बात कह डाली.
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में सीएम चन्नी ने अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए सिद्धू को चुनौती दी कि वे दो महीने के अंदर अपने इन 13 सूत्रीय एजेंडे पर कार्रवाई करके दिखाएं. सूत्रों का कहना है कि सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी पर बादल परिवार के कारोबार पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे एसटीएफ रिपोर्ट ने जिन बड़ी मछलियों का जिक्र किया था, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए. सिद्धू पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे चन्नी सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान और सीएम चन्नी ने सिद्धू को कथित तौर पर संगठन के कामकाज पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.