उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अपने आवास पर ‘इगास बग्वाल’ समारोह का आयोजन किया. इस दौरान सीएम धामी को जमकर थिरकते हुए देखा गया. दरअसल उत्तरकाशी के सुरंग में पिछले 17 दिनों से 41 मजदूर फंसे थे, जिन्हें सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. सफल रेश्क्यू ऑपरेशन की खुशी में मुख्यमंत्री धामी ने अपने आवास पर इगास बग्वाल का आयोजन किया.
सिल्कयारा सुरंग से बचाए गए श्रमिकों के परिजन से धामी ने की मुलाकात, साथ में किया रात्रिभोज
मुख्यमंत्री धामी ने सिल्कयारा सुरंग से बचाए गए 41 श्रमिकों में से कुछ के परिवारों से मुलाकात की. ‘इगास बग्वाल’ समारोह के दौरान देहरादून में सीएम धामी ने अपने आवास पर एक साथ रात्रिभोज भी किया.
#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami dances with the family members of the 41 workers rescued from the Silkyara tunnel, at 'Igas Bagwal' celebrations at his residence in Dehradun. pic.twitter.com/ZStQjbvYWs
— ANI (@ANI) November 29, 2023
सीएम आवास पर आतिशबाजी
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाले जाने की खुशी में सीएम पुष्कर सिंह धामी के आवास पर ‘इगास बग्वाल’ समारोह के दौरान आतिशबाजी की गई. सीएम धामी ने कहा, उनकी दिवाली मंगलवार को आई जब सुरंग के अंदर 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमिकों को बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के निकलने से वह उतने ही प्रसन्न हैं जितना कि उनके परिवारवाले हैं. धामी ने कहा, मेरी दिवाली, इगास या देव दिवाली हुई जब श्रमिक बाहर आए. उत्तराखंड में दिवाली के दस दिन बाद इगास मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि श्रमिक उनके परिवार की तरह हैं. आखिरकार वे हमारे लिए काम करते हैं…देश के लिए काम करते हैं.
सीएम धामी ने बौखनाग देवता जताया आभार
सुरंग से सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बौखनाग देवता का आभार जताया. जब मजदूर फंसे थे, तब सुरंग के बाहर बौखनाग की पूजा शुरू हो गई थी.
धामी ने हादसे के बाद राज्य में जारी सभी सुरंग परियोजनाओं की समीक्षा करने का लिया फैसला
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी सुरंग परियोजनाओं की समीक्षा करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में ऐसी कई परियोजनाएं चल रही हैं. हमने उनकी समीक्षा करने का निर्णय किया है. हमें विकास चाहिए लेकिन पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन होना चाहिए. हाल में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि सरकार सभी निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगी.
अब और कैसे हुआ हादसा
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह जाने से उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे जिन्हें युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.