भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इन्स्टेन्स’ ने 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन आठ भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्हें कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. जयशंकर ने परिवार के सदस्यों से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीयों की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी. कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) की बहन मीतू भार्गव ने मामले को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों पर कैसे मुकदमा चलाया गया ? इस पूरी घटना में पारदर्शिता की कमी ने न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास कम कर दिया है. द इंडियन एक्सप्रेस ने मीतू भार्गव से बातचीत के बाद यह खबर प्रकाशित की है. भार्गव ने समय की कमी का हवाला देते हुए सभी आठ भारतीयों को वापस लाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है.
#WATCH | "Every effort is being made by the government to ensure we take up through the legal course and we get relief for our personnel," says Indian Navy chief Admiral R Hari Kumar on 8 Navy veterans getting death sentence in Qatar. pic.twitter.com/thkfhp1QQ4
— ANI (@ANI) October 30, 2023
मीतू भार्गव ने बात करते हुए कहा कि कतर के कोर्ट के द्वारा दिये गये फैसले के बाद हम टूट गये हैं. उन्होंने कहा कि मेरे लिए सबसे कठिन काम मां को इस बारे में जानकारी देना था जो 85 साल की हैं. पिता के निधन के बाद मां ही मेरे और मेरे भाई का एकमात्र सहारा हैं. मौत की सजा सुनाये गये परिवार के लोगों ने गुरुवार को ही नेवी चीफ से मुलाकात की है. ग्वालियर में रहने वाली भार्गव उन आठ भारतीयों में से पहले रिश्तेदार थे जो रिहाई के लिए केंद्र से मदद मांगने के लिए पिछले साल अक्टूबर में आगे आए थे. एक साल बाद, उन्हें लगता है कि अब प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत तौर पर मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत है. भार्गव ने आगे कहा कि हम पहले रक्षा मंत्री से मिल चुके हैं. पिछले साल संसद में जयशंकर जी से मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा था, यह एक संवेदनशील मुद्दा है और ये लोग हमारी प्राथमिकता हैं. लेकिन अब किसी और के हस्तक्षेप का समय नहीं है… हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है. अब प्रधानमंत्री को खुद आगे आना चाहिए.
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इजराइल के लिए जासूसी क्यों करेंगे मेरे भाई?
कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) की बहन ने कहा कि कतर भारत का मित्र देश है. हम अपने सभी आठ लोगों को वापस लाना चाहते हैं. सिर्फ मेरा भाई ही नहीं, बल्कि सभी आठ लोगों को भारत लाना होगा. उन्होंने कहा कि मेरे भाई एक सीनियर सिटीजन हैं. वह 63 साल के हैं. उन्हें 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था. वह इजराइल के लिए जासूसी क्यों करेंगे? वह इस उम्र में ऐसा कुछ क्यों करेगा?
इधर, कतर में 8 नौसेनिकों को मौत की सजा मिलने पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा है कि सरकार की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि हम कानूनी प्रक्रिया अपनाएं और हमें अपने कर्मियों को राहत मिले.
Met this morning with the families of the 8 Indians detained in Qatar.
Stressed that Government attaches the highest importance to the case. Fully share the concerns and pain of the families.
Underlined that Government will continue to make all efforts to secure their release.…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 30, 2023
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा
उल्लेखनीय है कि भारत ने फैसले को ‘बेहद’ चौंकाने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प आजमाने का संकल्प लिया था. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आज सुबह, कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिजनों से मुलाकात की. इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है. हम परिजनों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि यह रेखांकित किया कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी. इस संबंध में परिजनों के साथ निकटता से समन्वय किया जाएगा.
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गौर हो कि भारतीय नौसेना के आठों अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था.