नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत में कोरोना की पर्याप्त जांच नहीं हो रही है और ऐसे में लोगों से तालियां बजवाने एवं दीये जलवाने से समस्या का समाधान नहीं होगा.
गांधी ने दुनिया के कई प्रमुख देशों और भारत में कोरोना की जांच के आंकड़े से जुड़ा एक ग्राफ साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए पर्याप्त जांच नहीं कर रहा है.उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा, ‘ लोगों से ताली बजवाने और दीये जलवाने से समस्या हल नहीं होगी.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की ‘सामूहिक शक्ति’ के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार पांच अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की है
पीएम की अपील पर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने भी चिंता जताई है उन्होंने कहा कि एक साथ सभी लाइटें बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर की वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा और ग्रिड भी फेल हो सकती है . अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर आपातकालीन सेवाओं पर पड़ेगा.
उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते राज्य में बिजली की डिमांड 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार पर आ चुकी है. राउत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पावर ग्रिड फेल हुई तो ठीक करने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं. इसलिए बिजली मिलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाएं. क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है.