Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन कांग्रेस यह विधानसभा चुनाव हार गई. एक प्रकार से आप कह सकते हैं कि भाजपा ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत अपनी पारंपरिक सीट सरदारपुरा को बचाने में कामयाब तो रहे, लेकिन ‘राजा वाली की कुर्सी’ कुर्सी को बचा नहीं पाए.
गहलोत ने भाजपा प्रत्याशी को 26,396 मतों से दी शिकस्त
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, रविवार को मतगणना के दौरान करीब 19 चक्र में मतों की गिनती की गई. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के प्रत्याशी प्रोफेसर डॉ महेंद्र राठौर को 26,396 मतों से शिकस्त दी. अशोक गहलोत को कुल 96,859 मत मिले. हालांकि, गहलोत को टक्कर देते हुए भाजपा प्रत्याशी महेंद्र राठौड़ ने भी 70,463 मत हासिल करने में कामयाबी हासिल की. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और पांच निर्दलीयों की जमानत जब्त हो गई. इस सीट पर नोटा में करीब 1,222 वोट पड़े.
गहलोत की परंपरागत सीट है सरदारपुरा
बताते चलें कि सरदारपुरा विधानसभा सीट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की परंपरागत सीट है. सरदारपुरा सीट से बीजेपी ने महेंद्र सिंह राठौड़ को उतारा है. आपको बता दें कि अशोक गहलोत पांच बार सांसद और पांच बार विधायक, तीन बार मुख्यमंत्री, तीन बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं.
सरदारपुरा का क्या है समीकरण
सरदारपुरा क्षेत्र पर नजर डालें तो यह जोधपुर की ही एक विधानसभा सीट है. इसमें जोधपुर के मेहरानगढ़ और मंडोर होने से पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसकी गिनती होती है. वहीं, जातीय समीकरण की बात करें तो सरदारपुरा क्षेत्र में राजपूत और जाट, अल्पसंख्यक और ओबीसी वर्ग के लोग निर्णायक भूमिका निभाते नजर आते है. जिस पार्टी ने इनको लुभाने में कामयाबी हासिल की जीत उनकी पक्की हो जाती है. वहीं जाट और माली ओबीसी वर्ग के वोट भी काफी संख्या इस क्षेत्र में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समाज से आते हैं जिसका उन्हें लाभ मिलता है. वोट प्रतिशत की बात करें तो पिछले चुनाव यानी 2018 के चुनाव में 64 प्रतिशत वोट कांग्रेस के पक्ष में पड़े थे.
कौन हैं महेंद्र सिंह राठौड़
बीजेपी ने सरदारपुरा सीट से महेंद्र सिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया. राठौड़ की बात करें तो वो जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के पूर्व अध्यक्ष हैं. जानकारों की मानें तो बीजेपी के महेंद्र सिंह राठौड़ को उतारने के पीछे राजपूत वोट को साधना है. जोधपुर स्थित जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर पर रहकर भी उन्होंने अपनी सेवा दी.
2018 में कांग्रेस की बनी थी सरकार
गौरतलब है कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान कराए गए. बीजेपी और मौजूदा कांग्रेस की सरकार के बीच सीधी जंग इस चुनाव में देखने को मिल रही है. 2018 में 200 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं जबकि बीजेपी 73 सीट पर सिमट गयी थी. अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने निर्दलीय और बसपा के समर्थन से सरकार बनाई थी और सूबे की कमान अशोक गहलोत के हाथों में दी गयी थी. सरकार ने अपने पांच साल पूरे कर रही है.