Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है. अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट की आपसी तकरार ने राजस्थान की राजनीति की गर्माहट बढ़ा दी है. आलाकमान को बगावती तेवर दिखाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के तीन नेताओं को कांग्रेस अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को जवाब देने लिए 10 दिन का समय मिला था, जो कि गुरुवार 6 अक्टूबर को पूरी हो गयी.
तारिक अनवर ने कहा- किसी भी नेता का जवाब पत्र नहीं मिला
नोटिस जारी करने वाले कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर का कहना है कि उन्हें किसी भी नेता का जवाब पत्र नहीं मिला है. हालांकि, कांग्रेस नेता धारीवाल और धर्मेन्द्र राठौड़ ने बताया कि उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया है, जबकि महेश जोशी ने देर शाम गुरुवार को कहा कि उन्हें आज (6 अक्टूबर) को ही नोटिस मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि तय समय सीमा पर जवाब दे देंगे. बता दें कि रविवार 25 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया गया था, जिससे कांग्रेस की राजनीति में बवंडर आ गया था.
बैठक का बहिष्कार करते शुरू हो गया था घमासान
राजस्थान कांग्रेस के अशोक गहलोत गुट के नेताओं ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर पैरेलल बैठक किया था. इसके बाद जयपुर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया. पार्टी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. एक साथ कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. घटना को आलाकमान ने गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना. शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी किए. लेकिन तीनों नेताओं का कहना है कि इन्होंने कोई गलती नहीं की है.
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दोपहर तक नहीं मिला नोटिस, शाम को मेल आया
वहीं, मंत्री महेश जोशी ने बीते गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बताया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है. जब कोई नोटिस ईमेल या वाया डाक आया ही नहीं तो किसका जवाब दें. हालांकि, इसके कुछ देर बाद मेल के माध्यम से उन्हें नोटिस प्राप्त हुआ. इस ईमेल 25 सितंबर की घटना को लेकर नोटिस भेजा गया है. ऐसे में महेश जोशी को नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय और मिल गया है. बता दें कि तीनों नेताओं के जवाब मिलने के बाद ही कांग्रेस आलाकमान आगे के एक्शन पर विचार करेगा.