नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज में अपने संबोधन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमापार आंतकवाद ने हमें बालाकोट एयरस्ट्राइक के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के जरिए हमने आतंकवाद के खिलाफ अपनी संकल्प क्षमता को दिखाया था.
जानिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में संघर्ष और युद्ध का तरीका पूरी तरीके से बदल गया है. दुश्मन छद्म युद्ध का सहारा ले रहा है. कारगिल का युद्ध और सीमापार से होने वाली आतंकी घटनाएं इसका उदाहरण हैं. उन्होंने, इस बदलाव को हाइब्रिड युद्ध का नाम देते हुए कहा कि, यही वर्तमान समय की वास्तविकता है. उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में किसी भी संघर्ष का कोई स्पष्ट अंत या शुरुआत नहीं है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमलों से भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया कि सीमा पार के बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा. रक्षा मंत्री ने बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि, हमने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया है.
‘हमेशा सौंपे गए काम के लिए तैयार रहना होगा’: इसी कार्यक्रम में शामिल हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि यदि हमें सौंपे गए काम के लिए हमेशा तैयार रहना है तो, इसके लिए जरूरी है कि हम हर समय जमीन, हवा और समुद्री सीमा में लगातार विश्वसनीय मारक क्षमता बनाए रखें. उन्होंने कहा कि जब जवानों को लगातार प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाता है तो इससे श्रेष्ठ प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है.
जनरल बिपिन रावत ने ये भी कहा कि सेना तभी निष्ठापूर्वक काम कर पाती है जब उसे श्रेष्ठ सैन्य नेतृत्व सहित कठोर निर्णय लेने वाला राजनीतिक नेतृत्व मिलता है. उन्होंने कहा कि कारगिल, उरी हमले के बाद का सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद किया गया बालाकोट एयरस्ट्राइक इसका सर्वोत्तम उदाहरण है. सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के जरिए दुश्मन को स्पष्ट संदेश दिया गया कि सीमापार से छद्म युद्ध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
‘जल्द ही भारतीय बेड़े में शामिल होगा राफेल’: इसी कार्यक्रम में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि, एक साल पहले इसी समय सरकार ने नियंत्रण रेखा के उस पार पाकिस्तान में चल रहे आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों में स्ट्राइक करने का कठोर और साहसिक फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान सफलतापूर्वक लक्ष्य को चुना.
इस दौरान वायु सेना प्रमुख ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायु सेना ने लड़ाकू विमानों के एक बड़े बेड़े के साथ 30 घंटे के भीतर जवाब दिया लेकिन भारतीय वायुसेना ने ये सुनिश्चित किया कि, वो किसी भी तरीके का नुकसान ना पहुंचा पाएं. वायु सेना प्रमुख का कहना है कि पाकिस्तानी पायलट काफी जल्दी में थे. वो पाकिस्तानी नागरिकों को संतुष्ट करने के लिए ऐसा कर रहे थे. वायु सेना प्रमुख ने ये भी बताया कि पाकिस्तानी वायु सेना ने अपनी कार्रवाई को ऑपरेशन स्विफ्ट रिटोर्ट नाम दिया था.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायु सेना के बेड़े में जल्द ही बेहतर क्षमता वाले राफेल को शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादा संवेदनशील और खतरनाक युद्धग्रस्त इलाकों में इसकी खास जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि यदि हमने अपने दुश्मन के मुकाबले बढ़त हासिल कर ली है तो जरूरी है कि इसे बनाए रखें.