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कर्नाटकः पूर्व पीएम देवेगौड़ा समेत चारों प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत तय
कर्नाटक से राज्यसभा की चार सीटों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व भाजपा के दो प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बुधवार को चुनाव अधिकारी ने निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया. इसके साथ ही इन सीटों के लिए केवल चार प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं.
कांग्रेस ने विधायकों के क्यों किया 'कैद'
राजस्थान में भाजपा के पास जितने विधायक हैं, उसके हिसाब से वह एक सीट ही जीत सकती है, लेकिन प्रत्याशी दो खड़े किए हैं. कांग्रेस को डर है कि दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा तोड़फोड़ करेगी. ऐसा शक इसलिए क्योंकि दो दिन पहले निर्दलीय और कुछ कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत से शिकायत की थी कि भाजपा ने उन्हें करोड़ों रुपए का प्रलोभन दिया था. राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात में आठ कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इस पूरे घटनाक्रम के लिए भी भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इन्हीं सब कारणों से अशोक गहलोत ने कांग्रेस सहित निर्दलीय 100 से ज्यादा विधायकों के होटेल में शिफ्ट कर दिया है.
कांग्रेस के कई बड़े नेता पहुंचे
जयपुर-दिल्ली हाईवे पर जिस होटल में विधायकों को रखा गया है वहां गुरुवार सुबह से पार्टी के आला पदाधिकारियों का आना जारी है. कांग्रेस के पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी वहां मौजूद हैं. आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे अब यहां विधायकों की बैठक लेने वाले हैं. राज्यसभा प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल राव, नीरज डांगी की मौजूदगी में चुनाव में मतदान को लेकर आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी.
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अशोक गहलोत ने क्यूं संभाला मोर्चा?
राजस्थान की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है. मौजूदा विधायकों के आंकड़े के लिहाज से कांग्रेस की दो और एक सीट भाजपा को मिलनी तय है, लेकिन भाजपा ने दो प्रत्याशी मैदान में उतारकर कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है. कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं इसीलिए वो खुद सतर्क हो गए हैं और विधायकों को साधे रखने के लिए मोर्चा संभाल लिया है. राजस्थान में कांग्रेस और गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को 19 जून जयपुर के एक होटल में रखा गया है.
कांग्रेस ने की एसीबी से शिकायत
कांग्रेस में विधायकों को तोड़ने की बात सामने आने के बाद राजस्थान में सबकुछ ठीक नहीं है. इस संबंध में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी ) से शिकायत की है. उन्होंने महानिदेशक एसीबी को पत्र लिखकर कहा कि कर्नाटक, मध्यप्रदेश और गुजरात की तरह अब राजस्थान में भी हमारे विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ने की कोशिश की जा रही है. साथ ही कहा कि सरकार को अस्थिर करने का प्रयास भी किया जा रहा है.
भाजपा ने की चुनाव में देरी
अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस और निर्दलीय विधायक मजबूती से साथ खड़े हैं. भाजपा किसी को नहीं खरीद पाएगी. एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा- सूचनाएं मिल रही हैं कि भाजपा 5-10 करोड़ रुपए एडवांस में देने का ऑफर कर रही है. कैश भी ट्रांसफर हो रहे हैं. गहलोत ने कहा कि चुनाव दो महीने पहले भी हो सकते थे, लेकिन गुजरात और राजस्थान में खरीद-फरोख्त पूरी नहीं होने के कारण भाजपा ने इसमें देरी की. बता दें कि राजस्थान में 19 जून को 3 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हैं. कांग्रेस के पास 13 निर्दलीय, लेफ्ट और बीटीपी के दो-दो और एक आरएलडी विधायक का समर्थन है.
हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने उतरे गहलोत
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक शुरू हो गई है. शिकायत मिल रही है कि कि भाजपा निर्दलिय विधायकों को ‘पैसे लो-इस्तीफे दो’ जैसे प्रलोभन दे रही है। इस पर आगे की रणनीति तय करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर बैठक की. इसके बाद कांग्रेस ने निर्दलियों समेत 110 विधायकों को जयपुर की होटल में शिफ्ट कर दिया. बाद में गहलोत भी होटल पहुंचे और विधायकों को एकजुट रहने की नसीहत दी.